Sharmistha Panoli case: शर्मिष्ठा पनोली को नहीं मिली जमानत, कोलकाता हाईकोर्ट में बंगाल सरकार ने किया विरोध

पुणे की 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली ने निचली अदालत के न्यायिक हिरासत आदेश को कोलकाता हाई कोर्ट में चुनौती दी है. शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने 30 मई 2025 को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. उन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सोशल मीडिया वीडियो में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है.

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Sharmistha Panoli case: पुणे की 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली ने निचली अदालत के न्यायिक हिरासत आदेश को कोलकाता हाई कोर्ट में चुनौती दी है. शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने 30 मई 2025 को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. उन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सोशल मीडिया वीडियो में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है.

अलीपुर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. शर्मिष्ठा के वकील ने उनकी मेडिकल स्थिति और जेल में कथित धमकियों का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत मांगी.

बंगाल सरकार का कड़ा रुख

पश्चिम बंगाल सरकार ने शर्मिष्ठा की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. सरकार का तर्क है कि शर्मिष्ठा का वीडियो, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड की चुप्पी और एक विशेष समुदाय पर टिप्पणी की थी, सामाजिक अशांति का कारण बना. कोलकाता पुलिस ने इसे भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत अपराध माना, जिसमें धार्मिक शत्रुता को बढ़ावा देना शामिल है. कोर्ट ने सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

विवाद और समर्थन

शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है. बीजेपी नेताओं और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया, जबकि पुलिस ने कार्रवाई को कानूनी बताया. शर्मिष्ठा ने वीडियो हटाकर माफी मांगी थी, फिर भी मामला गहरा गया.