Operation Sindoor : CDS अनिल चौहान ने बताया भविष्य के युद्ध का स्वरूप, 5 प्रमुख बिंदु
भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को आधुनिक युद्ध की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया है. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन तकनीक, साइबर संचालन और सूचना नियंत्रण पर आधारित था, जो भविष्य के युद्धों का आधार बनेगा.
Operation Sindoor: भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को आधुनिक युद्ध की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया है. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन तकनीक, साइबर संचालन और सूचना नियंत्रण पर आधारित था, जो भविष्य के युद्धों का आधार बनेगा.
ऑपरेशन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती थी गलत सूचनाओं का सामना करना. जनरल चौहान ने बताया कि सशस्त्र बलों का 15% समय фейк न्यूज़ और भ्रामक कथनों को रोकने में खर्च हुआ. “हमारी संचार रणनीति सोची-समझी थी. हमने तथ्य-आधारित और सटीक जानकारी पर ध्यान दिया, भले ही इसमें समय लगा,” उन्होंने कहा. शुरुआती तीन दिनों में दो महिला अधिकारियों ने संचार की जिम्मेदारी संभाली, क्योंकि सैन्य नेतृत्व तेजी से चल रहे ऑपरेशन में व्यस्त था.
साइबर हमलों के खिलाफ मजबूती
सीडीएस ने बताया कि दोनों पक्षों से साइबर हमले हुए, लेकिन भारतीय सैन्य प्रणालियां ‘एयर-गैप्ड’ होने के कारण सुरक्षित रहीं. सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर मामूली व्यवधान आए, लेकिन मुख्य सैन्य प्रणालियां प्रभावित नहीं हुईं.
एकीकृत तकनीक और रीयल-टाइम नेटवर्किंग
जनरल चौहान ने एकीकृत तकनीक की आवश्यकता पर बल दिया. “आधुनिक युद्ध में सिस्टम का नेटवर्किंग और रीयल-टाइम समन्वय महत्वपूर्ण है. यदि तकनीक जुड़ी नहीं है, तो उसका पूरा उपयोग नहीं हो सकता.”
भविष्य के लिए भारत की तैयारी
चौहान ने वैश्विक थिंक टैंक्स के साथ चर्चा में कहा कि भारत तकनीक, संयुक्त संचालन और बेहतर सूचना नियंत्रण के साथ भविष्य के युद्धों के लिए तैयार है. ऑपरेशन सिंदूर ने इन सभी तत्वों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया.