आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा ‘न्याय का उपहास’ है: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोलकाता की एक अदालत द्वारा आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने की आलोचना करते हुए इसे ‘न्याय का उपहास’ करार दिया.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोलकाता की एक अदालत द्वारा आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने की आलोचना करते हुए इसे ‘न्याय का उपहास’ करार दिया. पार्टी ने कहा कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए.

भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के संगठनात्मक सह-प्रभारी अमित मालवीय ने फैसले के खिलाफ अपील करने और जांच एजेंसियों से कथित तौर पर सबूत नष्ट करने के लिए कोलकाता के तत्कालीन आयुक्त और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका की जांच करने की मांग की.

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय के लिए आजीवन कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना न्याय का उपहास है। फैसले के खिलाफ अपील की जानी चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपराधी को बचाना बंद करना चाहिए। एजेंसियों को सबूतों को नष्ट करने में कोलकाता के तत्कालीन आयुक्त और मुख्यमंत्री की भूमिका की भी जांच करने की आवश्यकता है। न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि होता हुआ दिखना भी चाहिए.’’

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित सरकारी आर जी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी करार दिये गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई.

सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था। इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे.

न्यायाधीश दास ने कहा कि यह अपराध ‘दुलर्भ से दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके.

अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया.

संघीय जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच की थी.

(इस खबर को सलाम हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)