उत्तरी गोवा के अरपोरा में स्थित नाइटक्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. घटना के कुछ ही घंटों बाद क्लब के मालिक, दिल्ली के कारोबारी भाई सौरभ और गौरव लूथरा, देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए थे. अब अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि दोनों को रविवार तक थाईलैंड से भारत वापस लाया जा सकता है.
मामले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, लूथरा भाइयों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. थाई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि तारीख, समय और फ्लाइट की अंतिम पुष्टि अभी बाकी है, लेकिन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. दोनों को दिल्ली के रास्ते गोवा लाने की तैयारी की जा रही है.
जांच में सामने आया है कि 6 दिसंबर की देर रात करीब 11.45 बजे नाइटक्लब में आग लग गई थी. इसके बावजूद, जब इमारत जल रही थी और अफरा-तफरी मची हुई थी, तब भी लूथरा भाइयों ने तड़के 1.17 बजे थाईलैंड के लिए फ्लाइट टिकट बुक किए और सुबह 5.30 बजे इंडिगो की फ्लाइट से फुकेट रवाना हो गए. उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस 24 घंटे बाद जारी हो सका, तब तक वे देश छोड़ चुके थे.
गोवा पुलिस के अनुरोध पर विदेश मंत्रालय ने लूथरा भाइयों के पासपोर्ट रद्द कर दिए थे और इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया. दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने गोवा में “लिंचिंग” का डर जताया था. इसी बीच, गोवा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीम उन्हें वापस लाने के लिए थाईलैंड रवाना हुई.
गोवा पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इनमें गैर इरादतन हत्या, दूसरों की जान को खतरे में डालने वाले कृत्य और आग से जुड़ी लापरवाही शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि क्लब में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी की गई थी, जिससे यह भयावह हादसा हुआ.
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि नाइटक्लब को 2023 में बिना वैध कंस्ट्रक्शन लाइसेंस और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के ट्रेड लाइसेंस दिया गया था. यह लाइसेंस मार्च 2024 में समाप्त हो चुका था. पुलिस ने आरपोरा गांव पंचायत के पांच सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं. सरपंच रोशन रेडकर ने दावा किया कि सभी अनुमतियां पंचायत के सामूहिक प्रस्तावों के आधार पर दी गई थीं.
घटना के अगले दिन गिरफ्तार किए गए चार मैनेजरों की पुलिस हिरासत पांच दिनों के लिए और बढ़ा दी गई है. पुलिस अब मनी ट्रेल, लाइसेंस प्रक्रिया और सुरक्षा इंतजामों की परत-दर-परत जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और इस हादसे के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को कानून के कटघरे में लाया जाएगा.