सरकार का फर्जी खबरों के खिलाफ कड़ा कदम, नया विधेयक प्रस्तावित

कर्नाटक सरकार ने डिजिटल मंचों पर फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए एक नया विधेयक प्रस्तावित किया है. कर्नाटक मिसइन्फॉर्मेशन एंड फेक न्यूज (प्रोहिबिशन) बिल, 2025 के तहत सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों को कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है.

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Karnataka Fake News Bill: कर्नाटक सरकार ने डिजिटल मंचों पर फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए एक नया विधेयक प्रस्तावित किया है. कर्नाटक मिसइन्फॉर्मेशन एंड फेक न्यूज (प्रोहिबिशन) बिल, 2025 के तहत सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों को कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है.

इस कानून के उल्लंघन पर अधिकतम सात वर्ष की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. यह विधेयक न केवल गलत सूचनाओं को रोकने, बल्कि सामाजिक एकता को बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

अश्लील सामग्री पर रोक

प्रस्तावित विधेयक का दायरा केवल फर्जी खबरों तक सीमित नहीं है. यह महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक सामग्री, सनातन धर्म के प्रतीकों का अनादर, और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली सामग्री को भी प्रतिबंधित करता है. इस तरह का कंटेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह कदम डिजिटल मंचों को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाने की दिशा में उठाया गया है.

विशेष अदालतों का गठन

फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी. ये अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे, जिससे दोषियों को तुरंत जवाबदेही सुनिश्चित होगी. विशेष अदालतें कर्नाटक हाई कोर्ट के सहयोग से कार्य करेंगी और प्रत्येक जिले में सत्र न्यायाधीश इनका नेतृत्व करेंगे.

यह विधेयक डिजिटल युग में गलत सूचनाओं के दुष्प्रभाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. कर्नाटक सरकार का यह प्रयास समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा.