ITR रिफंड में हो रही देरी? जानें ई-वैरिफिकेशन का महत्व और समाधान

आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के बाद टैक्सपेयर्स को रिफंड की राशि का बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिफंड की प्रक्रिया तभी शुरू होती है, जब आपका ITR ई-वैरिफिकेशन पूरा हो जाता है?

Date Updated
फॉलो करें:

Income Tax Refund: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के बाद टैक्सपेयर्स को रिफंड की राशि का बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिफंड की प्रक्रिया तभी शुरू होती है, जब आपका ITR ई-वैरिफिकेशन पूरा हो जाता है?

आयकर विभाग के अनुसार, ई-वैरिफिकेशन के बाद सामान्यतः रिफंड प्रक्रिया में 15 दिन से लेकर 2 महीने तक का समय लग सकता है. समय पर ई-वैरिफिकेशन न करने या गलत जानकारी देने से रिफंड में देरी हो सकती है.

रिफंड में देरी के प्रमुख कारण

अगर ITR दाखिल करने में कोई त्रुटि हो, जैसे गलत बैंक विवरण या अधूरी जानकारी, तो रिफंड अटक सकता है. इसके अलावा, ITR दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वैरिफिकेशन न करने पर रिटर्न अमान्य हो सकता है. ऐसी स्थिति में टैक्सपेयर्स को रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है. सही और समय पर ई-वैरिफिकेशन रिफंड प्रक्रिया को तेज करता है.

रिफंड कितने समय में मिलता है?

  1. ITR-1: आमतौर पर 10-15 दिनों में रिफंड.  
  2. ITR-2: 20-45 दिनों तक का समय लग सकता है.  
  3. ITR-3: रिफंड में 2 महीने तक की देरी संभव.

रिफंड न मिले तो क्या करें?

अगर रिफंड में देरी हो रही है, तो आयकर विभाग की हेल्पलाइन नंबर 1800-103-4455 पर संपर्क करें. आप ask@incometax.gov.in पर ईमेल के जरिए भी अपनी समस्या बता सकते हैं. समय पर सही जानकारी और ई-वैरिफिकेशन सुनिश्चित करें ताकि रिफंड बिना किसी रुकावट के आपके खाते में पहुंचे.