Madhaura Rail Factory: बिहार के छपरा जिले में स्थित मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना भारत के औद्योगिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है. इस कारखाने में निर्मित अत्याधुनिक रेल इंजन पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी की पटरियों पर दौड़ेंगे. यह पहल 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
वैश्विक पहचान की ओर
मढ़ौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री, जो 226 एकड़ में फैली है, विश्वस्तरीय डीजल इंजन निर्माण का केंद्र बन चुकी है. यहां निर्मित 4500 हॉर्स पावर के 'ईएस43एसीएमआई' इंजन गिनी की लौह अयस्क परियोजनाओं में माल ढुलाई को गति देंगे. कारखाना प्रतिवर्ष 150 से अधिक इंजनों का उत्पादन करने की क्षमता रखता है, जिससे भारत रेल इंजन निर्यात में वैश्विक हब बनने की ओर अग्रसर है.
भारत-गिनी साझेदारी का नया दौर
इस कारखाने की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके 99% कर्मचारी और इंजीनियर बिहार और झारखंड के हैं. यह न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देता है, बल्कि बिहार की तकनीकी क्षमता को भी विश्व मंच पर प्रदर्शित करता है.
अब तक 729 इंजनों का निर्माण हो चुका है, जिनमें से कई भारतीय रेलवे के बेड़े में शामिल हैं. 20 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मढ़ौरा से गिनी के लिए पहली इंजन खेप को हरी झंडी दिखाएंगे. 3000 करोड़ रुपये की इस डील से भारत-अफ्रीका संबंध और मजबूत होंगे. यह कारखाना 'मेक इन बिहार, मेक फॉर वर्ल्ड' के मंत्र को चरितार्थ कर रहा है.