India GDP growth: अग्रणी रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5% से अधिक रहने का अनुमान लगाया है. कोलकाता में जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में आईसीआरए ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है. यह अनुमान भारत की स्थिर घरेलू मांग, बढ़ते निवेश और सुधारों के प्रभाव को दर्शाता है.
महंगाई पर इक्रा का आकलन
इक्रा ने महंगाई के मोर्चे पर भी महत्वपूर्ण अनुमान साझा किए हैं. इसके अलावा, राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% और चालू खाता घाटा -1% रहने का अनुमान है. ये आंकड़े खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी और वैश्विक बाजार में कच्चे माल की कीमतों में कमी के कारण संतुलित रहने की उम्मीद है.
अर्थव्यवस्था की ताकत
इक्रा की रिपोर्ट में भारत की आर्थिक स्थिरता के पीछे कई कारकों को रेखांकित किया गया है, जिनमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी, और सेवा क्षेत्र की मजबूती शामिल हैं. इसके साथ ही, सरकार के पूंजीगत व्यय और नीतिगत सुधारों ने भी अर्थव्यवस्था को गति दी है. वैश्विक व्यापारिक तनाव और अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत का निर्यात क्षेत्र भी दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज कर रहा है.
भविष्य की संभावनाएं
इक्रा का यह अनुमान भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बनाए रखने का संकेत देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी नीतियों में निरंतरता बनाए रखते हैं, तो भारत 2026 तक वैश्विक आर्थिक मंच पर और सशक्त स्थिति में होगा. यह अनुमान निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए एक सकारात्मक संदेश है.