Bihar News : पटना में फूड डिलीवरी ऐप्स के डिलीवरी कर्मचारियों ने बेहतर मुआवजे और सुरक्षा की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें न्यूनतम वेतन, बेहतर कामकाजी परिस्थितियां, और दुर्घटनाओं के मामले में उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है, जबकि वे रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं. यह प्रदर्शन उनके अधिकारों को लेकर बढ़ती चिंताओं का हिस्सा है, जिसमें उनकी सुरक्षा, कार्य शर्तें और आय की स्थिरता प्रमुख मुद्दे हैं.
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
डिलीवरी कर्मचारियों ने अपनी मुख्य मांगों को लेकर विरोध जताया, जिसमें:
1. बेहतर मुआवजा: कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उनके काम के हिसाब से उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. उनका आरोप है कि उनकी मेहनत और जोखिम के बावजूद उन्हें कम पैसे मिलते हैं.
2. सुरक्षा उपायों का सुधार: डिलीवरी कर्मचारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत कदम उठाने की मांग की. उनका कहना है कि वे ट्रैफिक में भारी लोड और खराब मौसम के बावजूद अपने काम को अंजाम देते हैं, जिसके कारण सड़क हादसों में उनकी जान का जोखिम रहता है.
3. स्वास्थ्य और बीमा: कर्मचारियों ने स्वास्थ्य सुविधाओं और दुर्घटना बीमा की मांग की, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में उन्हें मदद मिल सके.
प्रदर्शन का कारण
पटना के विभिन्न हिस्सों में फूड डिलीवरी ऐप्स द्वारा काम कर रहे डिलीवरी कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर ऐप कंपनियों और प्रशासन से संवाद करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है. इन कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनियाँ उनके काम के घंटों और वेतन के हिसाब से उन्हें सही मुआवजा नहीं देतीं, और न ही उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं.
कर्मचारियों का कहना
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम रोजाना अपनी जान जोखिम में डालते हैं, लेकिन हमें सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. हमें बेहतर मुआवजा और बीमा की आवश्यकता है ताकि अगर हम सड़क पर किसी दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो हमें मदद मिल सके."
राज्य सरकार और कंपनियों से कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने राज्य सरकार से भी अपनी मांगों पर ध्यान देने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और डिलीवरी कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.
यह प्रदर्शन बिहार में फूड डिलीवरी कर्मचारियों की बढ़ती समस्याओं और उनकी श्रमिक अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक है. कर्मचारियों ने साफ तौर पर अपनी मांगों को रखा है, और अब यह सरकार और कंपनियों पर निर्भर करता है कि वे इन कर्मचारियों की सुरक्षा, वेतन और अन्य सुविधाओं पर किस तरह ध्यान देते हैं. यह मामला केवल कर्मचारियों के अधिकारों की बात नहीं है, बल्कि उन लाखों श्रमिकों के लिए भी एक संकेत है जो कम वेतन और जोखिमपूर्ण कामकाजी परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.