दिल्ली में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कई सख़्त कदमों का ऐलान किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर में खुले में कचरा जलाने पर पूरी तरह रोक लगाई जाए.
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के सभी होटलों, रेस्टोरेंट्स और खुले खानेपीने की जगहों पर तंदूर में कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है. इस नियम का उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन और MCD की टीमें ₹5,000 तक का जुर्माना लगा सकेंगी.
सीएम गुप्ता ने सोशल मीडिया पर नागरिकों से अपील की कि वे खुले में कचरा जलाने से बचें. उन्होंने कहा कि आपका छोटा सा सहयोग एक बड़ा बदलाव ला सकता है. दिल्ली में कई दिनों से एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई थी. ऐसे में मंगलवार को हवा में मामूली सुधार देखने को मिला और AQI 291 पर आकर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार पर्याप्त नहीं है. हवा में प्रदूषक तत्वों का स्तर अब भी इतना अधिक है कि इससे सांस, आंखों और गले से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने मंगलवार को एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्यूशन) एक्ट, 1981 की धारा 31(A) के तहत आदेश जारी किया. इसके तहत शहर के सभी रेस्टोरेंट, ढाबों और खुले खाने के स्टॉल पर कोयले या लकड़ी से चलने वाले तंदूर का इस्तेमाल पूरी तरह बंद होगा.
DPCC ने कहा कि कोयले से खाना बनाना स्थानीय स्तर पर प्रदूषण का बड़ा कारण है. यह कदम ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का हिस्सा है, जिसमें प्रदूषण के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाती है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्टेजI की कार्रवाई के तहत यह प्रतिबंध तुरंत लागू किया गया है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी बाजारों और खानेपीने की जगहों पर कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल को तुरंत रोकने के लिए निरीक्षण बढ़ाएँ. नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.