अब स्टेशन पर कोई इंसान नहीं करेगा कोच की सफाई! जानिए क्या है भारतीय रेलवे की हाईटेक क्रांति

भारतीय रेलवे ने तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाया है. असम के कामाख्या रेलवे स्टेशन पर अब ट्रेन कोचों की सफाई के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग शुरू हो गया है.

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Cleaning of Kamakhya station with drone: भारतीय रेलवे तकनीकी के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ा है. असम के कामाख्या रेलवे स्टेशन पर अब ट्रेन कोचों की सफाई के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग शुरू हो गया है.

इस अत्याधुनिक पहल ने रेलवे के रखरखाव को न केवल अधिक कुशल बनाया है, बल्कि इसे हाईटेक युग में भी प्रवेश कराया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में ड्रोन द्वारा कोचों की सफाई की प्रक्रिया को देखा जा सकता है, जो यात्रियों और तकनीकी उत्साही लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है.

ड्रोन तकनीक की विशेषताएं

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) द्वारा शुरू की गई इस पहल में ड्रोन का उपयोग ट्रेनों के ऊपरी और कठिन हिस्सों की सफाई के लिए किया जा रहा है. ड्रोन एक पाइप से जुड़ा होता है, जो डिटर्जेंट युक्त तरल पदार्थ छिड़कता है, जिससे कोच कुछ ही मिनटों में चमक उठते हैं. यह तकनीक न केवल समय बचाती है, बल्कि सफाई कर्मचारियों को जोखिम भरी ऊंचाइयों पर काम करने से भी बचाती है. यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित, तेज और प्रभावी है.

यात्रियों के लिए स्वच्छता की गारंटी

कामाख्या स्टेशन पर शुरू हुई यह पहल भारतीय रेलवे की स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. ड्रोन की मदद से स्टेशन और कोचों को साफ-सुथरा रखना अब पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है. यह तकनीक यात्रियों को स्वच्छ और आरामदायक सफर का अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

NFR ने इस सफल प्रयोग के बाद अन्य स्टेशनों पर भी ड्रोन सफाई को लागू करने की योजना बनाई है. यह कदम भारतीय रेलवे को और अधिक आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.