रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार, सीमा पार आतंकवाद पर चिंताएं अनसुलझी

भारत ने इस मंच पर पहलगाम हमले और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव का हवाला देते हुए आतंकवाद के खिलाफ़ ठोस कार्रवाई की मांग की.

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SCO Summit: 25-26 जून 2025 को चीन के क़िंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से साफ़ इनकार कर दिया. इसकी मुख्य वजह यह थी कि दस्तावेज़ में भारत द्वारा बार-बार उठाए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं किया गया था. भारत ने इस मंच पर पहलगाम हमले और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव का हवाला देते हुए आतंकवाद के खिलाफ़ ठोस कार्रवाई की मांग की.

सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख

भारत ने SCO शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर अपनी चिंताएँ मजबूती से रखीं. खास तौर पर, सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत ने स्पष्ट शब्दों में अपनी बात रखी. सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान को इसलिए अस्वीकार कर दिया क्योंकि इसमें आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकी गतिविधियों, से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति या प्रतिबद्धता नहीं थी. भारत का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग के बिना क्षेत्रीय शांति संभव नहीं है.

बिना संयुक्त बयान के SCO बैठक का समाप्त 

राजनाथ सिंह के इस कदम के बाद SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक बिना किसी संयुक्त बयान के समाप्त हुई. इस बैठक में भारत, चीन, रूस और अन्य मध्य एशियाई देशों के रक्षा नेताओं ने भाग लिया था. चर्चा का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देना था, लेकिन भारत के सख्त रुख ने आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया.

भारत की प्राथमिकता

भारत ने हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. राजनाथ सिंह का यह कदम भारत की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. SCO जैसे मंचों पर भारत का यह रुख वैश्विक समुदाय को एकजुट होने और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का संदेश देता है.