'स्थिति का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं...', पहलगाम हमले के बाद विधानसभा में बोले CM उमर अब्दुल्ला

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को प्रभावित किया है. हमने पहले भी ऐसे कई हमले देखे हैं. लेकिन 21 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं.

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Courtesy: Social Media

Omar Abdullah on Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज यानी सोमवार को विधानसभा में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी में विफलता को स्वीकारा है. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया.

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं. वो अतिथि बनकर हमारे घर आए थे, मेजबान होने के नाते यहां पहुंचे सभी पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा कर्तव्य था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका. इस घटना के बाद  माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है.

राज्या का दर्जा मांगने पर बोले अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मरी के राज्य का दर्जा की मांग को टालते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज की स्थिति का इस्तेमाल केंद्र से राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा. मैं लाशों के बदले राज्य का दर्जा नहीं मांगूंगा. हम किसी और मौके पर इसकी मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरी राजनीति इतनी सस्ती नहीं है कि मैं 26 लोगों की जान की कीमत पर राज्य का दर्जा मांगूं. उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति की अपनी सीमाएं होनी चाहिए, खासकर जब लोगों की जान शामिल हो. केंद्र और विपक्ष के बीच राज्य का दर्जा मांगने का मुद्दा लंबे समय से चल रहा है. 

विधानसभा में पीड़ितों के नाम

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने विधानसभा में पीड़ितों के नाम भी पढ़ा और कहा कि हम में से कोई भी इस हमले का समर्थन नहीं करता है. इस हमले से हम खोखले हो चुके हैं. इसके बाद अब हम केवल कुछ उम्मीद की किरणों को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 26 सालों में मैंने कभी लोगों को इस तरह के हमले के खिलाफ प्रदर्शन करते नहीं देखा. उन्होंने कहा कि विरोध स्वैच्छिक था, लोग बैनर, पोस्टर लेकर और आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब लोग हमारा समर्थन करेंगे, तब उग्रवाद और आतंकवाद खत्म हो जाएगा. यह इसकी शुरुआत है. ऐसे समय पर हमें ऐसा कुछ नहीं कहना और करना चाहिए, जिससे इस आंदोलन में कोई अड़चन आए. उन्होंने कहा कि हम ताकत का इस्तेमाल करके उग्रवाद को नियंत्रित जरूर कर सकते हैं, लेकिन यह खत्म उसी समय होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे और अब ऐसा होना शुरू हो गया है.