Brahmaputra River: पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी राणा इहसान अफजल ने हाल ही में धमकी दी कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के जवाब में चीन ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह रोक सकता है. इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने करारा जवाब देते हुए इसे पाकिस्तान की नई डराने वाली रणनीति करार दिया. सरमा ने एक्स पोस्ट में लिखा, "ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह भारत में प्रवेश करने के बाद और मजबूत होता है, जिसमें चीन का योगदान केवल 30-35% है."
भारत की वर्षा आधारित नदी
हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड और मेघालय में भारी मानसूनी बारिश और सहायक नदियाँ जैसे सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली और कोपिली नदी के प्रवाह को और समृद्ध करती हैं.
खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ियों से आने वाली नदियाँ जैसे कृष्णाई, दिगारू और कुलसी भी इसका हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि यह नदी चीन के अपवाह पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह भारत की वर्षा-आधारित नदी प्रणाली है.
What If China Stops Brahmaputra Water to India?
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 2, 2025
A Response to Pakistan’s New Scare Narrative
After India decisively moved away from the outdated Indus Waters Treaty, Pakistan is now spinning another manufactured threat:
“What if China stops the Brahmaputra’s water to India?”…
चीन की धमकी का असर नहीं
सरमा ने कहा कि यदि चीन ब्रह्मपुत्र का प्रवाह कम करता है, तो यह भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है. असम में हर साल बाढ़ लाखों लोगों को विस्थापित करती है और आजीविका को नष्ट करती है. कम प्रवाह से बाढ़ की समस्या कम हो सकती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन ने कभी भी आधिकारिक रूप से ऐसी धमकी नहीं दी.
सिंधु जल संधि का निलंबन
भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. वहीं, पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने इसे देश की "रेड लाइन" करार देते हुए कहा कि वे 24 करोड़ पाकिस्तानियों के जल अधिकारों पर समझौता नहीं करेंगे.