सेना के कर्नल पर हमला मामले में पुलिस अधिकारियों को झटका, SC ने बरकरार रखा CBI जांच का आदेश

पंजाब के पटियाला में एक सेवारत सेना कर्नल और उनके बेटे पर हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार पुलिस अधिकारियों को कोई राहत नहीं दी.

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Army Colonel Attack: पंजाब के पटियाला में एक सेवारत सेना कर्नल और उनके बेटे पर हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार पुलिस अधिकारियों को कोई राहत नहीं दी. शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का निर्देश दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "सेना का सम्मान करें, उनकी वजह से ही आप चैन की नींद सो पाते हैं."

पार्किंग विवाद बना हमले का कारण

यह घटना 13-14 मार्च 2025 की रात पंजाब के पटियाला में राजिंदरा अस्पताल के पास हरबंस ढाबे पर हुई. दिल्ली से पटियाला जा रहे कर्नल और उनके बेटे ने ढाबे पर खाना खाने के लिए रुकते समय अपनी कार पार्क की थी.

इसी दौरान पार्किंग को लेकर हुए विवाद में चार पुलिस इंस्पेक्टरों समेत 12 पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर कर्नल और उनके बेटे पर हमला कर दिया.

FIR दर्ज न होने का आरोप

शिकायतकर्ता कर्नल का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनका पहचान पत्र और मोबाइल छीन लिया और फर्जी मुठभेड़ की धमकी दी. कर्नल ने यह भी दावा किया कि इस मामले में कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई, क्योंकि पंजाब सरकार अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही थी. 

हाई कोर्ट का सख्त रुख

हाई कोर्ट ने चारों आरोपी इंस्पेक्टरों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए इसे पुलिस शक्ति के दुरुपयोग का मामला करार दिया. कोर्ट ने साफ कहा कि इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं. पंजाब पुलिस ने चारों इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया और विभागीय जांच में तीन साल की सेवा कटौती व प्रमोशन पर रोक की सिफारिश की.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने पुलिस अधिकारियों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि सेना के सम्मान को बनाए रखना जरूरी है. यह मामला न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में सेना के प्रति सम्मान को भी रेखांकित करता है.