बाल-बाल बची यात्रियों की जान, एरियाना अफगान फ्लाइट ने दिल्ली एयरपोर्ट के गलत रनवे पर उतारा विमान

काबुल से दिल्ली आई एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट गलती से टेकऑफ वाले रनवे 29R पर उतर गई जबकि उसे रनवे 29L पर लैंड करना था.

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Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रविवार दोपहर एक बडा हादसा टल गया जब एरियाना अफगान एयरलाइंस की एक फ्लाइट गलत रनवे पर लैंड कर गई. यह फ्लाइट काबुल से दिल्ली आ रही थी और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की अनुमति रनवे 29L पर उतरने की थी लेकिन एयरबस A310 विमान सीधे रनवे 29R पर उतर गया जो सिर्फ टेकऑफ के लिए इस्तेमाल होता है. यह चूक सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर मानी जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार विमान को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वह लैंडिंग के लिए 29L का प्रयोग करे. दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे 29R टेकऑफ के लिए और 29L लैंडिंग के लिए निर्धारित है. इसके बावजूद पायलट ने गलत रनवे पर विमान उतार दिया. संयोग से उस समय रनवे 29R पर कोई विमान कतार में नहीं था और न ही किसी विमान को टेकऑफ की अनुमति दी गई थी. वरना यह घटना एक बडे हादसे में बदल सकती थी.

किसकी थी गलती?

एविएशन अधिकारियों ने इस त्रुटि को गंभीर घटना के रूप में दर्ज किया है. संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यह गलती पायलट से कैसे हुई, इसकी जांच शुरू कर दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामले दुर्लभ होते हैं लेकिन जब होते हैं तो इन्हें बेहद गंभीरता से लिया जाता है क्योंकि गलत रनवे पर उतरना सीधे विमान की सुरक्षा और एयरपोर्ट संचालन के लिए खतरा बन सकता है.

क्या थी वजह?

जानकारी के अनुसार भारतीय एविएशन अथॉरिटी इस घटना के बारे में अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन विभाग को औपचारिक रूप से सूचित करेगी. जांच में यह समझने की कोशिश होगी कि क्या यह गलती पायलट की गलत समझ के कारण हुई या एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट के बीच किसी तरह का संचार अंतर रहा.

एयरपोर्ट अधिकारियों ने क्या बताया?

एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि घटना के वक्त मौसम सामान्य था और दृश्यता भी ठीक थी. ऐसे में यह चूक और भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि सामान्य परिस्थितियों में पायलट रनवे को लेकर भ्रमित नहीं होते. एयरपोर्ट की सुरक्षा टीम ने स्थिति को तुरंत संभाला और रनवे को सुरक्षित घोषित किया.

हालांकि किसी तरह के नुकसान या चोट की खबर नहीं है. एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार पायलट की छोटी सी गलती भी विमानन क्षेत्र में बडा जोखिम बन सकती है और इसलिए ऐसी घटनाओं की विस्तृत जांच बेहद जरूरी होती है.