डेटिंग ऐप पर मिल सकता है अमृतपाल सिंह से जुड़ा लिंक, पंजाब पुलिस ने मांगे डिटेल्स

पंजाब पुलिस ने जांच के दौरान एक टिंडर अकाउंट की पहचान की, जिसका नाम ‘अमृत संधू’ है. पुलिस को शक है कि यह अकाउंट अमृतपाल सिंह से जुड़ा हो सकता है. 26 मई को पुलिस ने टिंडर को पत्र लिखकर इस अकाउंट की पूरी जानकारी मांगी.

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Courtesy: Social Media

Amritpal Singh: पंजाब पुलिस को डेटिंग ऐप टिंडर पर कट्टरपंथी उपदेशक और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह से होने का शक है. पुलिस फिलहाल अमृतपाल सिंह को गुरप्रीत सिंह हरि नौ से जुड़े मामले में ढूंढ रही है. गुरप्रीत सिंह हरि नौ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. नौ अपने गांव के गुरुद्वारे से मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे. वह अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सक्रिय सदस्य थे.

पंजाब पुलिस ने दावा किया कि इस हत्या के पीछे अमृतपाल सिंह का हाथ था. अमृतपाल फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में हैं. पुलिस ने इस मामले में अर्श दल्ला गिरोह के तीन सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.

हत्या से जुड़े अहम सुराग मिलने की संभावना

पंजाब पुलिस ने जांच के दौरान एक टिंडर अकाउंट की पहचान की, जिसका नाम ‘अमृत संधू’ है. पुलिस को शक है कि यह अकाउंट अमृतपाल सिंह से जुड़ा हो सकता है. 26 मई को पुलिस ने टिंडर को पत्र लिखकर इस अकाउंट की पूरी जानकारी मांगी. पुलिस का कहना है कि इस अकाउंट के डेटा से हत्या की जांच में अहम सुराग मिल सकते हैं. पुलिस ने टिंडर से ‘अमृत संधू’ अकाउंट के सब्सक्राइबर विवरण मांगे हैं. इसमें नाम, जन्म तिथि, फोन नंबर और स्थान की जानकारी शामिल है. आईपी एड्रेस की हिस्ट्री भी मांगी गई है. पुलिस ने अकाउंट से जुड़े ई-मेल, फोन नंबर, अपलोड की गई तस्वीरें और मीडिया फाइलें भी मांगी हैं. साथ ही, चैट इतिहास, मित्रों की सूची और टिंडर पर हुए संदेशों की जानकारी भी चाहिए.

‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख

पंजाब पुलिस का मानना है कि इस अकाउंट का डेटा जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य दे सकता है. यह जानकारी हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों तक पहुंचने में मदद कर सकती है. अमृतपाल सिंह पर पहले से ही कट्टरपंथी गतिविधियों के आरोप हैं. ऐसे में यह अकाउंट उनकी गतिविधियों का खुलासा कर सकता है. अमृतपाल सिंह अपने कट्टरपंथी बयानों के लिए जाने जाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही वे चर्चा में हैं. पंजाब पुलिस अब टिंडर से मिलने वाली जानकारी का इंतजार कर रही है. यह डेटा जांच को नई दिशा दे सकता है.