Benefits of running: मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों पर प्रभाव और सावधानियां! जानें 

दौड़ना एक बेहतरीन कार्डियोवस्कुलर व्यायाम है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.यह न केवल मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है, बल्कि कैलोरी बर्न करने और संपूर्ण फिटनेस बढ़ाने में भी कारगर है.इसे बिना किसी उपकरण के कहीं भी किया जा सकता है, जिससे यह सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुविधाजनक है.

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Benefits of running: दौड़ना एक बेहतरीन कार्डियोवस्कुलर व्यायाम है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.यह न केवल मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है, बल्कि कैलोरी बर्न करने और संपूर्ण फिटनेस बढ़ाने में भी कारगर है.इसे बिना किसी उपकरण के कहीं भी किया जा सकता है, जिससे यह सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुविधाजनक है. लेकिन दौड़ने से मस्तिष्क, हृदय और फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए विशेषज्ञों की राय से जानते हैं.

मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव

दौड़ने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, जिससे डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे खुशी के हार्मोन रिलीज होते हैं.इससे मूड बेहतर होता है और एकाग्रता बढ़ती है.नियमित दौड़ने से डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी उम्र से संबंधित बीमारियों का खतरा भी कम होता है.गुरुग्राम के नारायण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. पंकज वर्मा के अनुसार, यह मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाकर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.

हृदय और फेफड़ों के लिए लाभ

दौड़ना हृदय के लिए भी फायदेमंद है.यह हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं व हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है.नियमित दौड़ने से हार्ट अटैक का जोखिम कम हो सकता है.साथ ही, फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है.इससे इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार होता है और लीवर का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है.

दौड़ते समय सावधानियां

दौड़ते समय अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें.शरीर को हाइड्रेट रखना और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि पसीने के माध्यम से सोडियम की हानि हो सकती है.घुटनों में दर्द या चोट होने पर दौड़ने से बचें.यदि आपको हृदय, लीवर या फेफड़ों से संबंधित कोई समस्या है, तो दौड़ने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.