डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत को फायदा या नुकसान? जानिए सब कुछ

आज अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ले ली है. दूसरी बार राष्ट्रपति की कमान संभालते ही ट्रंप ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. उन्होंने आने वाले अमेरिका के बारे में भी लोगों को बता दिया है और रुख भी साफ कर दिया है. 

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Donald Trump Threatens BRICS: आज अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ले ली है. दूसरी बार राष्ट्रपति की कमान संभालते ही ट्रंप ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. उन्होंने आने वाले अमेरिका के बारे में भी लोगों को बता दिया है और रुख भी साफ कर दिया है. 

11 देशों में मची खलबली

दूसरी बार सत्ता संभालते ही ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ का ऐलान किया है. इस दौरान ट्रंप ने कहा कि 1 फरवरी के बाद अमेरिका कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा देगा. उनके इस बयान के बाद 11 देशों में खलबली मच गई है. आपको बता दे, इन 11 देशों में भारत और चीन का भी नाम शामिल है. 

दरअसल, 20 जनवरी (सोमवार) को शपथ के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स (BRICS) देशों को ये खुलेआम धमकी दे दी है. उन्होंने कहा कि स्पेन समेत ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा. इस समय ब्रिक्स में 10 देश ( ब्राजील, रूस, भारत, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और चीन) शामिल है. वही, अगर बाद स्पेन की करे तो ये ब्रिक्स का हिस्सा नही है. 

ब्रिक्स देशों पर अमेरिका ने साधा निशाना 

स्पेन ब्रिक्स का हिस्सा नहीं है फिर भी वो डोनाल्ड ट्रंप के रडार में है. पिछले साल दिसंबर महीने में ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100 टैरिफ लगाने की बात की थी. इसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी थी. राष्ट्रपति बनाते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पुरानी धमकी को दोहराया है. उन्होंने ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा कि अगर ब्रिक्स देश कई भी कानून अमेरिका के खिलाफ लाते है तो उनको इसका इंजाम भुगतना पड़ सकता है.

राष्ट्रपति बनने से पहले ही दिसंबर 2024 में ट्रंप ने कहा था कि अगर ब्रिक्स देशों ने डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की या उनके खिलाफ कई नई करेंसी बनाई तो अमेरिका उन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा. 

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई चांस नही है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले पाए. अगर ऐसे किसी भी निति का समर्थन ब्रिक्स देश करते है तो वो अपना सामान अमेरिका में नहीं बेच पाएंगे.