Myanmar earthquake: गुरुवार को म्यांमार में भूकंप के झटकों ने धरती को हिला दिया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था. भूकंप के कारण स्थानीय लोग दहशत में आ गए, हालांकि अभी तक किसी नुकसान की खबर सामने नहीं आई है. एनसीएस ने आगाह किया है कि आने वाले समय में और झटके महसूस हो सकते हैं.
नेपाल और पाकिस्तान में भी हिली धरती
हाल ही में नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. सौभाग्यवश, इस घटना में भी कोई हानि नहीं हुई. दूसरी ओर, पाकिस्तान में रविवार तड़के 3:54 बजे 5.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इस भूकंप का केंद्र 150 किलोमीटर की गहराई पर था. तेज झटकों के कारण लोग घबराकर खुले स्थानों की ओर दौड़े. यहां भी जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ.
भूकंप का वैज्ञानिक कारण
भूकंप का कारण धरती की आंतरिक संरचना में छिपा है. धरती चार परतों—आंतरिक कोर, बाहरी कोर, मैंटल और क्रस्ट—से बनी है. क्रस्ट और ऊपरी मैंटल मिलकर स्थलमंडल (लिथोस्फेयर) बनाते हैं, जो टेक्टोनिक प्लेट्स में विभाजित है. ये प्लेट्स निरंतर गति में रहती हैं. जब इनका कंपन तेज हो जाता है, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
भूकंप प्राकृतिक आपदा है, जिसके लिए सतर्कता जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंपरोधी इमारतें और आपातकालीन योजनाएं इस तरह की घटनाओं में नुकसान को कम कर सकती हैं.