गाजा में क्यों फैल रही है यह जानलेवा बीमारी? चिकित्सा सेवाओं की कमी से बढ़ा संकट

इजराइली बमबारी और नाकाबंदी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, जिससे एक खतरनाक वायरस तेजी से फैल रहा है. यह वायरस बच्चों में लकवे जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है.

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Aaza Acute Flaccid Paralysis Outbreak: इजराइली बमबारी और नाकाबंदी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, जिससे एक खतरनाक वायरस तेजी से फैल रहा है. यह वायरस बच्चों में लकवे जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है.

कुपोषण, गंदगी और स्वच्छता व्यवस्था के अभाव ने स्थिति को और भयावह बना दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्थानीय डॉक्टरों ने इस संकट पर चिंता जताई है, लेकिन इलाज के साधनों की कमी के कारण मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है.

एक दुर्लभ और खतरनाक बीमारी

गाजा में इस समय एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (AFP) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह एक दुर्लभ सिंड्रोम है, जिसमें मांसपेशियां अचानक कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने और निगलने में दिक्कत होती है.

विशेषज्ञों के अनुसार, इजराइली हमलों ने गाजा की सीवेज और स्वच्छता व्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जिसके चलते यह वायरस दूषित पानी और गंदगी के माध्यम से फैल रहा है. खान यूनिस जैसे क्षेत्रों में गलियों में गंदा पानी और सीवेज का जमाव आम हो गया है, जो इस बीमारी का प्रमुख कारण है.

पिछले दो साल में बढ़े मामले

2023 से पहले यह बीमारी गाजा में बेहद दुर्लभ थी, जहां हर साल केवल 12 मामले दर्ज होते थे. लेकिन हाल के तीन महीनों में करीब 100 नए मामले सामने आए हैं. जॉर्डन और इजराइल भेजे गए नमूनों में एंटरोवायरस की पुष्टि हुई है, जो गंदे पानी और अस्वच्छता से फैलता है. इसके अलावा, गिलियन-बार सिंड्रोम के मामले भी बढ़ रहे हैं, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और मरीजों को स्थायी लकवे का शिकार बना सकता है.

बच्चों पर सबसे ज्यादा असर

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 31 जुलाई 2025 तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों में 32 AFP मामले दर्ज किए गए हैं. इस बीमारी का मुख्य कारण कुपोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और अस्वच्छता है. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जांचे गए 70% मामलों में नॉन-पोलियो एंटरोवायरस पाया गया, जो पहले केवल 26% मामलों में था. यह आंकड़ा गाजा में बिगड़ती स्थिति का स्पष्ट प्रमाण है.

इलाज की कमी और नाकाबंदी का असर

गाजा के अल-शिफा अस्पताल, जो 2024 में इजराइली हमलों से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ, वहां गिलियन-बार सिंड्रोम के 22 मामले सामने आए हैं. इनमें से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है और 12 बच्चे स्थायी लकवे का शिकार हो गए हैं.

इस बीमारी के इलाज के लिए इंट्रावेनस इम्युनोग्लोब्युलिन (IVIG) और प्लाज्मा एक्सचेंज जैसे उपचार जरूरी हैं, लेकिन इजराइल की नाकाबंदी के कारण ये दवाइयां और चिकित्सा उपकरण गाजा में उपलब्ध नहीं हैं.

गाजा में फैल रही यह जानलेवा बीमारी न केवल स्वास्थ्य संकट है, बल्कि मानवीय आपदा का भी प्रतीक है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप कर गाजा में चिकित्सा आपूर्ति और स्वच्छता व्यवस्था को बहाल करने की जरूरत है, ताकि मासूम बच्चों की जान बचाई जा सके.