अमेरिका के साथ तनाव के बीच पुतिन की भारत यात्रा तय? अजीत डोभाल ने दिया अपडेट

भारत और अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ सकते हैं. उनकी इस यात्रा का अपडेट खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दी है.

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Courtesy: Social Media

Putin India Visit: अमेरिका के साथ तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. अधिकारियों के अनुसार, इस साल के अंत तक पुतिन भारत आ सकते हैं. हालांकि, यात्रा की तारीखों पर अभी काम चल रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की हालिया रूस यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर बात हुई. डोभाल ने मास्को में कोई निश्चित तारीख नहीं बताई. कुछ खबरों में अगस्त के अंत की तारीख का जिक्र गलत साबित हुआ है.

अजीत डोभाल ने रूस में ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा की. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हुई, जब भारत और अमेरिका के बीच रूसी तेल खरीद को लेकर तनाव बढ़ रहा है. भारत ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है. भारत का कहना है कि यह खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की जरूरतों के आधार पर हो रही है.

अमेरिका के साथ भारत का बढ़ रहा तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक आदेश जारी किया. इसमें भारत द्वारा रूसी तेल खरीद के जवाब में भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया. जिसके बाद भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ हो चुका है. यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में नई चुनौतियां ला सकता है. फिर भी, भारत ने अपनी ऊर्जा नीति का बचाव किया है. साल के शुरुआत में ही रूस के विदेश मंत्री ने रुस के राष्ट्रपति का भारत यात्रा का प्लान बताया था. यह यात्रा 2025 में हो सकती है. यह फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी. पुतिन ने आखिरी बार दिसंबर 2021 में भारत का दौरा किया था. अगर यह यात्रा 2025 की दूसरी छमाही में होती है, तो यह चार साल बाद उनकी पहली यात्रा होगी.

रूस और भारत के मजबूत रिश्ते

भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की खुली आलोचना से बचने का रास्ता चुना है. भारत का कहना है कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं मिल सकता. वह बातचीत और कूटनीति के जरिए शांति की वकालत करता रहा है. इस नीति ने भारत को रूस और पश्चिमी देशों के बीच संतुलन बनाने में मदद की है. पुतिन की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को और गहरा कर सकती है. भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापार में सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है. इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है. तारीखें तय होने पर यह यात्रा वैश्विक कूटनीति में भी अहम होगी.