बांगलादेश में फिर प्रदर्शन, उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर किया हमला

बांगलादेश में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है. बुधवार को उपद्रवियों ने बांगलादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान के प्रतिष्ठित धनमंडी-32 स्थित आवास पर हमला किया और वहां तोड़फोड़ की. यह घटना सोशल मीडिया पर 'बुलडोजर जुलूस' नामक एक अभियान के ऐलान के बाद हुई. हमलावरों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास में आगजनी भी की, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. 

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Courtesy: social media

बांगलादेश में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है. बुधवार को उपद्रवियों ने बांगलादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान के प्रतिष्ठित धनमंडी-32 स्थित आवास पर हमला किया और वहां तोड़फोड़ की. यह घटना सोशल मीडिया पर 'बुलडोजर जुलूस' नामक एक अभियान के ऐलान के बाद हुई. हमलावरों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास में आगजनी भी की, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. 

सोशल मीडिया पर उभरे उपद्रव के संकेत

बांगलादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह हमला सोशल मीडिया पर उभरे एक अभियान से जुड़ा हुआ था, जिसे 'बुलडोजर जुलूस' के नाम से प्रचारित किया गया था. इस अभियान ने विरोध प्रदर्शनों को और उग्र बना दिया, जिससे हिंसक घटनाओं का सिलसिला जारी है. शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हमला करना इस बात का प्रतीक था कि हालात कितने गंभीर हो गए हैं और राजनीतिक विरोध बढ़ता जा रहा है.

आगजनी और तोड़फोड़ से क्षति

हमलावरों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर जबरदस्त तोड़फोड़ की और वहां आग लगा दी, जिससे संपत्ति को भारी नुकसान हुआ. घटना के बाद सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी, हालांकि उपद्रवियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैलने का खतरा बढ़ गया है. 

राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन

यह हमला बांगलादेश में चल रही राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शनों की कड़ी का हिस्सा है. देश में पिछले कुछ महीनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से सरकार के खिलाफ नाराजगी और राजनीतिक असंतोष देखा जा रहा है. शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब देश में चुनावी मौसम आ रहा है, और इससे राजनीतिक माहौल और भी गरमाने का अनुमान है.

बांगलादेश में शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हुए हमले ने देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव को और भी उभारा है. उपद्रवियों द्वारा की गई आगजनी और तोड़फोड़ से न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह घटना बांगलादेश की राजनीतिक स्थिति को और भी अस्थिर बनाने का संकेत देती है. अब देखना यह होगा कि सरकार और सुरक्षा बल इस स्थिति पर कैसे काबू पाते हैं और क्या देश में शांति बहाली की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं.