Israel-Turkey tensions: पिछले कुछ समय से इजराइल और तुर्किये के बीच तनाव चरम पर है. हाल ही में इजराइल द्वारा अमेरिका के सहयोगी देश कतर पर किए गए हमलों ने इस क्षेत्र में नई अस्थिरता पैदा कर दी है. इस घटना के बाद कुछ इजराइल समर्थकों ने संकेत दिए कि अगला निशाना नाटो सदस्य देश तुर्किये हो सकता है. इस लेख में हम इस तनाव की वजहों, दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे.
इजराइल-तुर्किये तनाव की शुरुआत
इजराइल और तुर्किये के बीच रिश्ते लंबे समय से उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. 1949 में तुर्किये ने इजराइल को मान्यता देकर इतिहास रचा था, जब वह ऐसा करने वाला पहला मुस्लिम देश बना. शुरुआती वर्षों में दोनों देशों के बीच सैन्य और व्यापारिक सहयोग मजबूत था.
हालांकि, 2010 में मावी मरमरा जहाज पर इजराइली हमले ने संबंधों को गहरी चोट पहुंचाई, जिसके बाद राजनयिक रिश्ते लगभग टूट गए. 2016 में कुछ समय के लिए संबंधों में सुधार हुआ, लेकिन गाजा युद्ध और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों ने फिर से तनाव को बढ़ा दिया.
हाल ही में, गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के विरोध में तुर्किये ने अगस्त में इजराइल के साथ अपने व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए. तुर्किये का मानना है कि इजराइल मध्य पूर्व में अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए अन्य देशों को कमजोर करने की रणनीति अपना रहा है.
इजराइल की धमकियां
इजराइली शिक्षाविद मीर मसरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आज कतर, कल तुर्किये," जिसने तुर्किये में चिंता बढ़ा दी. जवाब में, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन के एक सलाहकार ने इजराइल के खिलाफ तीखी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि इजराइल का नाम जल्द ही नक्शे से मिट सकता है.
तुर्किये ने स्पष्ट किया है कि वह अपने क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा. अमेरिका के एक थिंक टैंक विशेषज्ञ माइकल रुबिन ने तुर्किये को चेतावनी दी कि उसे अपनी सुरक्षा के लिए नाटो या अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. इस बयान ने तुर्किये की चिंताओं को और गहरा कर दिया, खासकर तब जब कतर पर हमले के दौरान अमेरिका ने इजराइल का समर्थन किया.
इजराइल का 'ग्रेटर इजराइल' का सपना
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कई बार 'ग्रेटर इजराइल' के अपने दृष्टिकोण का जिक्र किया है, जिसमें सीरिया, लेबनान, मिस्र और जॉर्डन के कुछ हिस्सों को शामिल करने की बात कही जाती है. तुर्किये इस विचार का कड़ा विरोध करता है. तुर्किये के रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल की सैन्य कार्रवाइयां अब गाजा और लेबनान तक सीमित नहीं हैं. सीरिया में इजराइल के हमले और साइप्रस जैसे क्षेत्रों में उसकी बढ़ती सैन्य मौजूदगी तुर्किये के लिए खतरा बन रही है.
तुर्किये की रणनीति
तुर्किये के रिटायर्ड नौसेना अधिकारी ने चेतावनी दी है कि इजराइल के साथ टकराव सीरिया में शुरू हो सकता है. उन्होंने साइप्रस में इजराइल की सैन्य गतिविधियों को तुर्किये के लिए खतरे का संकेत बताया. तुर्किये अब इस बात को समझ चुका है कि उसे अपनी सुरक्षा के लिए नाटो या अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए. कतर पर हमले के दौरान अमेरिका की चुप्पी ने इस शक को और पुख्ता किया है. सवाल यह है कि क्या नाटो अपने चार्टर का पालन करते हुए तुर्किये की रक्षा करेगा?
इजराइल और तुर्किये के बीच बढ़ता तनाव मध्य पूर्व में नई अस्थिरता को जन्म दे सकता है. तुर्किये अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है, जबकि इजराइल की आक्रामक नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन रही हैं. आने वाले समय में दोनों देशों के बीच संबंधों का भविष्य क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों की प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करेगा.