साल 2025 में इन महिला नेताओं ने भारतीय राजनीति की बदली दिशा, नई मिसाल की कायम

2025 के दिल्ली और बिहार चुनावों में महिला वोटरों और महिला नेताओं ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी और नई मिसाल कायम की.

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नई दिल्ली: 2025 में भारतीय राजनीति का चेहरा तेजी से बदला और इसमें महिलाओं की भूमिका सबसे अहम रही. दिल्ली और बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं की रिकॉर्ड भागीदारी ने नतीजों की दिशा तय की. इसबार दोनों राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बड़ी जीत मिली और इसे महिला वोटरों की निर्णायक भूमिका से जोड़ा गया. 

दिल्ली में पहली बार महिला वोट प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा और यह 60.9 प्रतिशत तक पहुंचा. बिहार में भी महिला मतदान 59.2 प्रतिशत रहा, जिसने एनडीए को 202 सीटों की ऐतिहासिक बढ़त दिलाई. राजनीतिक दलों ने भी महिलाओं की बढ़ती ताकत को समझते हुए बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवार उतारे. दिल्ली में 96 और बिहार में 257 महिला प्रत्याशी मैदान में रहीं. भले ही कुल प्रतिनिधित्व सीमित रहा, लेकिन कई महिला नेताओं ने बड़ी राजनीतिक जिम्मेदारी हासिल की. 

रेखा गुप्ता

दिल्ली को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलीं और बिहार को सबसे कम उम्र की विधायक. रेखा गुप्ता ने दिल्ली में इतिहास रचते हुए मुख्यमंत्री पद संभाला. शालीमार बाग से करीब 30 हजार वोटों की जीत ने उन्हें मजबूत जनाधार दिया. तीन दशक से ज्यादा समय से सक्रिय रेखा गुप्ता की जीत को संगठन और जमीनी काम का परिणाम माना गया.

श्रेयसी सिंह 

बिहार में श्रेयसी सिंह ने जमुई सीट बरकरार रखी और बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. खेल जगत से राजनीति में आईं श्रेयसी सिंह ने युवाओं और खेल ढांचे पर फोकस का वादा किया.

आतिशी मार्लेना 

43 साल की आतिशी मार्लेना दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP की एकमात्र बड़ी विजेता थीं, उन्होंने 3,521 वोटों से कालकाजी सीट जीती. पूर्व शिक्षा मंत्री, जिन्होंने 2024 में कुछ समय के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम किया, उन्हें स्कूल सुधारों का श्रेय दिया जाता है, जिससे नामांकन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कालकाजी से उनकी दूसरी जीत ने स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनके काम को उजागर किया, भले ही AAP ने केवल तीन सीटें जीतीं. 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के बाद, AAP ने सर्वसम्मति से उन्हें विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना.

मैथिली ठाकुर

मैथिली ठाकुर ने बिहार में 25 साल की उम्र में सबसे युवा विधायक बनकर सबका ध्यान खींचा. सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आईं मैथिली ने युवाओं और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी.

रेखा पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की रेखा पासवान ने 14,789 वोटों से सारण सीट जीती, जिससे बिहार में उनकी पार्टी की 65 प्रतिशत की मजबूत स्ट्राइक रेट में योगदान मिला. भ्रष्टाचार विरोधी काम के लिए जानी जाने वाली पासवान ने अपने अभियान के दौरान स्थानीय घोटालों का पर्दाफाश किया। उनकी जीत ने प्रमुख दलित क्षेत्रों में LJP की पकड़ को मजबूत किया.