चीन में भारत की कूटनीतिक जीत, SCO घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा

चीन के तियानजिन शहर में सोमवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की.

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SCO Meeting: चीन के तियानजिन शहर में सोमवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की. इस बैठक में SCO नेताओं ने सर्वसम्मति से एक घोषणापत्र जारी किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई.

इस घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई और दोषियों को सजा देने की मांग की गई, हालांकि इसमें किसी विशिष्ट देश का नाम नहीं लिया गया. 

पहलगाम हमले पर वैश्विक एकजुटता

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने वैश्विक समुदाय को झकझोर दिया था. तियानजिन घोषणापत्र में एससीओ सदस्य देशों ने इस हमले की कठोर निंदा की और मृतकों व घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.

घोषणापत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया कि इस तरह के हमलों के आयोजकों, प्रायोजकों और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. यह भारत की उस मांग का समर्थन करता है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुटता आवश्यक है.

आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत आवाज

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंडों को अस्वीकार करने की बात दोहराई. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक देश के लिए एक खुली चुनौती है.

पीएम मोदी ने सभी SCO सदस्य देशों से आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया. उनकी यह अपील घोषणापत्र में प्रतिबिंबित हुई, जिसमें आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा और सीमा पार आतंकी गतिविधियों को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

तियानजिन घोषणापत्र की प्रमुख बातें

दोहरे मापदंडों की अस्वीकृति: घोषणापत्र में स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं.
संप्रभु देशों की भूमिका: आतंकी खतरों से निपटने में संप्रभु देशों और उनकी सक्षम संस्थाओं की अग्रणी भूमिका को मान्यता दी गई.
भारत की पहल: घोषणापत्र में भारत की “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” थीम को समर्थन मिला.

भारत की वैश्विक पहल को मान्यता

SCO सदस्य देशों ने भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी पहलों की सराहना की.साथ ही, भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) में एससीओ अध्ययन केंद्र के सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान में योगदान को भी मान्यता दी गई.

तियानजिन में भारत ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाई, बल्कि अपनी कूटनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन किया. यह घोषणापत्र आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है.