निमिषा प्रिया की रिहाई की उम्मीद! यमन में फांसी टलने के बाद भारत लौटने की संभावना

निमिषा की फांसी को टालने में भारत के ग्रांड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद की भूमिका अहम रही. पीड़ित परिवार और निमिषा के परिजनों के बीच ब्लड मनी को लेकर बातचीत विफल होने के बाद ग्रांड मुफ्ती ने यमनी विद्वान शेख उमर बिन हफीज के साथ मिलकर मध्यस्थता की.

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Nimisha Priya: केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. के. ए. पॉल ने दावा किया है कि निमिषा की रिहाई की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. यमन की राजधानी सना की जेल में बंद निमिषा को अपने व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी. 

ग्रांड मुफ्ती की पहल से रुकी फांसी

निमिषा की फांसी को टालने में भारत के ग्रांड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद की भूमिका अहम रही. पीड़ित परिवार और निमिषा के परिजनों के बीच ब्लड मनी को लेकर बातचीत विफल होने के बाद ग्रांड मुफ्ती ने यमनी विद्वान शेख उमर बिन हफीज के साथ मिलकर मध्यस्थता की. इस सकारात्मक हस्तक्षेप के बाद फांसी को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. यमनी कानून के तहत ब्लड मनी स्वीकार होने पर सजा माफ हो सकती है, और इस दिशा में अभी भी बातचीत जारी है.

भारत सरकार और डॉ. पॉल के अथक प्रयास

भारत सरकार ने निमिषा की रिहाई के लिए कूटनीतिक और कानूनी स्तर पर हरसंभव प्रयास किए. विदेश मंत्रालय ने यमनी प्रशासन और जेल अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा. डॉ. के. ए. पॉल ने भी पीड़ित परिवार के साथ संवाद स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके अनुसार, जल्द ही निमिषा की रिहाई की खुशखबरी मिल सकती है, और वह अपने परिवार के पास केरल लौट सकती हैं.

निमिषा की भारत वापसी की उम्मीद

निमिषा के पति टॉमी थॉमस और मां प्रेमाकुमारी ने उनकी रिहाई के लिए लंबा संघर्ष किया. भारत सरकार और सामाजिक संगठनों के समर्थन से अब निमिषा के भारत लौटने की संभावना प्रबल हो रही है. यह मामला भारत के नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.