Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध ने नाटकीय मोड़ ले लिया है. इस बार निशाना न तो कोई सैन्य अड्डा था और न ही कोई नागरिक इमारत, बल्कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले की एक आलीशान ऑरस लिमोजिन थी. मॉस्को में FSB मुख्यालय के ठीक बाहर हुए इस विस्फोट ने रूस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
लिमोजिन के इंजन से लगी आग तेजी से पूरी कार में फैल गई. घटना की फुटेज में आपातकालीन टीमें तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी नजर आईं. राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि, विस्फोट का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
जेलेंस्की की भविष्यवाणी
कुछ दिन पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक सनसनीखेज बयान दिया था. अमेरिकी मध्यस्थता से हुई शांति वार्ता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “व्लादिमीर पुतिन जल्द ही मर जाएंगे.” यह टिप्पणी पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर चल रही अटकलों के बीच आई थी.
अब इस विस्फोट के बाद लोग यह कयास लगा रहे हैं कि क्या यूक्रेन ने पुतिन को सीधे निशाना बनाने की योजना बनाई थी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना रूस की आंतरिक सुरक्षा में बड़ी चूक का संकेत देती है. जांच पूरी होने के बाद ही इस हमले के पीछे की सच्चाई सामने आ सकेगी.
172 ड्रोन हमला
युद्ध के बीच शांति की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने एक्स पर लिखा कि कल रात रूस ने 172 स्ट्राइक ड्रोन लॉन्च किए – उनमें से 100 से ज़्यादा शाहेड थे. उन्होंने आगे कहा कि ये बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले अब लगभग रोज़मर्रा की हकीकत बन गए हैं. ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ठोस कदम उठाने की अपील की.