'पाक को नहीं रोकता तो...', परमाणु मिसाइल को लेकर बिगड़े ट्रंप के बोल, पढ़ें क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को समाप्त करने में उनकी निर्णायक भूमिका थी.

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Donald Trump's fake claim: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को समाप्त करने में उनकी निर्णायक भूमिका थी. ट्रंप के अनुसार, यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था, लेकिन उनकी मध्यस्थता से इसे रोका गया. हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि संघर्षविराम दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों (डीजीएमओ) के बीच सीधे संवाद से हुआ.

ट्रंप का ताजा बयान

गुरुवार, 14 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एक-दूसरे को निशाना बना रहे थे. छह-सात विमान मार गिराए गए. स्थिति इतनी गंभीर थी कि परमाणु हथियारों का उपयोग होने की आशंका थी. हमने इस संकट को सुलझाया.” यह बयान तब आया जब ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लागू किया है, जिससे उनके दावों पर सवाल उठ रहे हैं.

छह महीनों में छह युद्धों का अंत

ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने पिछले छह महीनों में छह वैश्विक संघर्षों को समाप्त किया है, जिसमें भारत-पाकिस्तान तनाव भी शामिल है. उन्होंने 10 मई 2025 को सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि दोनों देश तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम के लिए सहमत हुए.

ट्रंप ने कहा, “मैंने दोनों देशों से कहा कि अगर वे लड़ाई रोकेंगे, तो अमेरिका उनके साथ व्यापक व्यापार करेगा.” भारत ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह फैसला अमेरिकी हस्तक्षेप के बिना लिया गया.

पुतिन से मुलाकात और रूस-यूक्रेन युद्ध

ट्रंप का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी 15 अगस्त की मुलाकात से पहले आया है. इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है. ट्रंप ने कहा, “मैंने सोचा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना आसान होगा, लेकिन यह सबसे जटिल निकला.”

उन्होंने दावा किया कि उनकी मौजूदगी ने पुतिन को यूक्रेन पर पूर्ण कब्जे से रोका. ट्रंप ने बताया कि उनकी अगली बैठक में पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेता शामिल हो सकते हैं. भारत ने ट्रंप के दावों को बार-बार खारिज किया है.

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि संघर्षविराम का फैसला दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच आपसी बातचीत से हुआ. यह तनाव पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा था, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तानी ठिकानों पर कार्रवाई की थी.