'मैं मरने को तैयार… भगवान मुझे उठा लें', योगराज सिंह का छलका दर्द, बोले– 'खाने के लिए भी दूसरों पर निर्भर हूं'

भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता और पूर्व तेज गेंदबाज योगराज सिंह ने अपने जीवन के कड़वे अनुभवों को पहली बार इतने खुले रूप में साझा किया है. द विंटेज स्टूडियो को दिए गए एक इंटरव्यू में योगराज सिंह ने अपना वह दर्द उजागर किया, जिसे वह बरसों से भीतर दबाए हुए थे.

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Yograj Singh: भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता और पूर्व तेज गेंदबाज योगराज सिंह ने अपने जीवन के कड़वे अनुभवों को पहली बार इतने खुले रूप में साझा किया है. द विंटेज स्टूडियो को दिए गए एक इंटरव्यू में योगराज सिंह ने अपना वह दर्द उजागर किया, जिसे वह बरसों से भीतर दबाए हुए थे. बातचीत के दौरान उनकी आवाज कई बार भर आई और उन्होंने साफ कहा कि जीवन अब उन्हें बोझ जैसा लगने लगा है.

इंटरव्यू से माहौल गर्म 

योगराज सिंह ने भावुक होकर बताया कि वे अब खाने जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी अजनबियों के भरोसे हैं. उन्होंने कहा कि कभी किसी एक आदमी की दया पर भोजन मिलता है, तो कभी किसी और के भरोसे पेट भरता है. इस स्थिति ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया है और वे कहते हैं कि “मेरा जीवन पूरा हो चुका है… भगवान जब चाहें, मुझे उठा लें. अब मैं मरने को तैयार हूं.” उनकी ये बातें सुनकर इंटरव्यू का माहौल भी गमगीन हो गया.

बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी निजी जिंदगी का वह दर्दनाक हिस्सा भी साझा किया, जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी थी. योगराज ने बताया कि एक समय ऐसा भी आया, जब युवराज सिंह और उनकी मां शबनम उन्हें छोड़कर चली गईं. यह घटना उनके लिए गहरा सदमा थी. उन्होंने कहा, “मैंने उस औरत के लिए अपनी पूरी जवानी, पूरा जीवन दांव पर लगा दिया. कभी सोचा भी नहीं था कि वही मुझे छोड़कर चली जाएगी.” योगराज के अनुसार, इस टूटन ने उन्हें भीतर से बिखेर दिया और कई रिश्ते तथा साल इसी दर्द में बर्बाद हो गए.

छोटे से अंतरराष्ट्रीय करियर

योगराज सिंह ने स्वीकार किया कि वे हमेशा मजबूत बने रहे, लेकिन अंदर ही अंदर लगातार टूटते गए. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी किसी पर बोझ बनने की कोशिश नहीं की, लेकिन अब परिस्थितियाँ ऐसी हो गई हैं कि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी किसी न किसी की मदद लेनी पड़ रही है.

क्रिकेट के मैदान पर योगराज सिंह ने भले ही लंबा करियर न खेला हो, लेकिन उनका नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में दर्ज है. वह एक तेज गेंदबाज रहे और भारत के लिए एक टेस्ट मैच और छह वनडे खेले. अपने छोटे से अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने कुल 5 विकेट अपने नाम किए. एक टेस्ट में उन्होंने 1 विकेट और छह वनडे में 4 विकेट हासिल किए. बल्लेबाजी में भी वे 11 रन बना पाए.

हालांकि, क्रिकेट के बाद उनका जीवन निजी संघर्षों से भरा रहा. योगराज सिंह की इन भावुक बातों ने कई प्रशंसकों को झकझोर दिया है, और यह सवाल भी खड़ा किया है कि खेल के नायकों का जीवन मैदान से बाहर किस हद तक अकेला और संघर्षपूर्ण हो सकता है.