जॉर्जिया में बढ़ा बवाल! राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, चुनावी धांधली और रूस झुकाव को लेकर मचा हंगामा

Georgia protests: नेपाल और मोरक्को में उभरी जनाक्रोश की लहर के बाद अब जॉर्जिया में भी जनता सड़कों पर उतर आई है. शनिवार को हुए स्थानीय चुनावों के बाद राजधानी त्बिलिसी में हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया.

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Georgia protests: नेपाल और मोरक्को में उभरी जनाक्रोश की लहर के बाद अब जॉर्जिया में भी जनता सड़कों पर उतर आई है. शनिवार को हुए स्थानीय चुनावों के बाद राजधानी त्बिलिसी में हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया. आरोप है कि चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और सत्तारूढ़ “जॉर्जियन ड्रीम” (Georgian Dream) पार्टी ने सत्ता पर अवैध कब्जा बनाए रखा है.

राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लाखों की संख्या में लोग राष्ट्रपति भवन के बाहर जमा हो गए और कुछ प्रदर्शनकारियों ने अंदर घुसने की कोशिश की. गुस्साई भीड़ ने आगजनी की और सरकार विरोधी नारे लगाए. हालात को काबू में करने के लिए दंगा-रोधी पुलिस को वाटर कैनन और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ा. पुलिस ने अब तक 5 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि राजधानी के केंद्र में करीब 20,000 से अधिक लोग रैली में शामिल हुए. इस विरोध का नेतृत्व प्रसिद्ध ओपेरा गायक से कार्यकर्ता बने पाता बुरचुलाद्ज़े और कई विपक्षी नेताओं ने किया.

रूस की ओर झुकाव से नाराज़ जनता

विरोध की चिंगारी तब भड़की जब जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने दावा किया कि उसने सभी नगरपालिकाओं में जीत हासिल की है. विपक्षी दलों और जनता का आरोप है कि यह जीत सत्ता के दुरुपयोग और चुनावी धांधली के जरिए हासिल की गई. विरोध कर रहे लोगों की मांग है कि सरकार तुरंत इस्तीफा दे, अंतरिम सरकार का गठन किया जाए और नए संसदीय चुनाव कराए जाएं. साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने 60 राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी मांग की है.

जॉर्जिया लंबे समय से पश्चिम समर्थक देश रहा है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से उसकी विदेश नीति में बदलाव देखने को मिला है. विपक्षी दलों का आरोप है कि जॉर्जियन ड्रीम पार्टी का झुकाव रूस की ओर बढ़ रहा है, जिससे देश के यूरोपीय संघ (EU) से संबंध कमजोर पड़ रहे हैं.

विदेशी रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने पिछले साल यूरोपीय संघ में प्रवेश की वार्ता को स्थगित कर दिया था, जिससे जनता में भारी असंतोष फैल गया. यह विरोध उसी असंतोष का विस्तार माना जा रहा है.

राष्ट्रपति सालोमे ज़ुराबिशविली का बयान

इस पूरे घटनाक्रम पर जॉर्जिया की राष्ट्रपति सालोमे ज़ुराबिशविली ने विपक्ष के कदम की निंदा की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन पर कब्जे की कोशिश “लोकतांत्रिक विरोध की बदनामी” है. ज़ुराबिशविली ने कहा, “यह नौटंकी उन लोगों की साजिश है जो जनता के शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं. एक वैध राष्ट्रपति के रूप में मैं इसे सख्ती से अस्वीकार करती हूं.”

विरोध प्रदर्शन के दौरान गायक पाता बरचुलाद्ज़े ने मंच से एक घोषणा पत्र पढ़ा. इसमें मांग की गई कि गृह मंत्रालय के अधिकारी जनता की इच्छा का सम्मान करें और जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के छह वरिष्ठ नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही विपक्षी दलों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग दोहराई.

नतीजा क्या होगा?

जॉर्जिया में जारी यह आंदोलन केवल चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश की राजनीतिक दिशा और लोकतंत्र की परीक्षा बन गया है. रूस और यूरोप के बीच झूलती जॉर्जिया की कूटनीति पर अब जनता का गुस्सा फूट पड़ा है. आने वाले दिनों में यह विरोध आंदोलन देश की राजनीति को गहराई तक प्रभावित कर सकता है.