अमेरिका 230 साल बाद अब नहीं बनाएगा एक सेंट का सिक्का, जानिए बंद करने की असली वजह

अमेरिका में अब 230 साल पुरानी एक परंपरा खत्म होने जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब अपना सबसे छोटा मूल्य वाला सिक्का एक सेंट यानी पेनी (Penny) बनाना बंद करने जा रही है.

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US Penny discontinued: अमेरिका में अब 230 साल पुरानी एक परंपरा खत्म होने जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब अपना सबसे छोटा मूल्य वाला सिक्का एक सेंट यानी पेनी (Penny) बनाना बंद करने जा रही है. बुधवार को फिलाडेल्फिया मिंट आखिरी बार एक सेंट के सिक्के जारी करेगी. इसके बाद ये सिक्के बाजार में चलन में तो रहेंगे, लेकिन अब नए सिक्के नहीं ढाले जाएंगे.

230 साल पुराना इतिहास हुआ खत्म

एक सेंट का सिक्का 1793 में प्रचलन में आया था. यह अमेरिकी मुद्रा का सबसे प्रसिद्ध सिक्का था, जिस पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की छवि अंकित थी. हालाँकि, अमेरिकी सरकार ने इसकी लागत और घटती माँग के कारण इसका उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया है. एक पेनी बनाने में लगभग चार सेंट का खर्च आता है, यानी उसकी असली कीमत से चार गुना ज्यादा. 10 साल पहले यह खर्च करीब आधा था, लेकिन अब उत्पादन लागत लगातार बढ़ गई है. अमेरिकी वित्त विभाग का अनुमान है कि पेनी बंद करने से सरकार को हर साल करीब 56 मिलियन डॉलर की बचत होगी.

डिजिटल युग में सिक्कों की घटती भूमिका

डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन ट्रांज़ेक्शन और कार्ड पेमेंट के युग में अब छोटे सिक्कों की जरूरत बहुत कम रह गई है. कई बड़ी कंपनियों ने पहले ही अपनी कीमतें राउंड ऑफ करना शुरू कर दिया है, क्योंकि बाजार में पेनी मिलना मुश्किल हो गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी फरवरी में कहा था कि “हम अपने बजट से फिजूलखर्ची खत्म करना चाहते हैं, चाहे वो एक पैसे की ही क्यों न हो.”

लाखों पेनी घरों में पड़े बेकार

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब 300 अरब पेनी पहले से चलन में हैं, जो जरूरत से कहीं ज्यादा हैं.2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 60% सिक्के घरों में पिगी बैंक या दराजों में पड़े रहते हैं और इस्तेमाल में नहीं आते. अनुमान है कि हर अमेरिकी घर में लगभग 60 से 90 डॉलर तक के सिक्के ऐसे ही निष्क्रिय पड़े हैं.

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जब कीमतें राउंड ऑफ की जाएंगी, तो आम उपभोक्ताओं को थोड़ा अधिक भुगतान करना पड़ सकता है. रिचमंड फेडरल रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों को हर साल करीब 6 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है.

दूसरे देशों ने भी उठाया ऐसा कदम

अमेरिका अकेला देश नहीं है जिसने छोटे सिक्कों को अलविदा कहा है. कनाडा ने 2012 में एक सेंट का सिक्का बनाना बंद किया था. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 1990 के दशक में एक और दो सेंट के सिक्के हटा दिए थे. यहां तक कि ब्रिटेन ने भी 2018 में ऐसा करने पर विचार किया था, और 2024 में डिजिटल लेन-देन बढ़ने के बाद वहां भी छोटे सिक्कों का उत्पादन बंद कर दिया गया.