New Variants of Corona: कोरोना मरीज में क्यों और कैसे हो रहे हैं बदलाव, जानें मेडिकल साइंस का सच

कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक चिंता का विषय बन गया है. सिंगापुर, हांगकांग और चीन से शुरू होकर यह वायरस अब अमेरिका और एशिया के कई देशों में फैल चुका है. इस साल अप्रैल से अब तक इसके तीन नए वैरिएंट सामने आए हैं, जिन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य विशेषज्ञ नज़र रख रहे हैं.

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New Variants of Corona: कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक चिंता का विषय बन गया है. सिंगापुर, हांगकांग और चीन से शुरू होकर यह वायरस अब अमेरिका और एशिया के कई देशों में फैल चुका है. इस साल अप्रैल से अब तक इसके तीन नए वैरिएंट सामने आए हैं, जिन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्वास्थ्य विशेषज्ञ नज़र रख रहे हैं.

इन वैरिएंट की संक्रामकता और गंभीरता को समझने के लिए शोध जारी है. कई देशों ने सावधानी बरतते हुए एडवाइजरी भी जारी की है. आइए जानते हैं कि नए वैरिएंट क्यों सामने आ रहे हैं और इसके पीछे मेडिकल साइंस क्या कहता है.

क्या है नए वेरिएंट का कारण

डॉ. ने बताया कि कोरोना वायरस स्वयं म्यूटेट नहीं करता. यह किसी व्यक्ति की कोशिकाओं के संपर्क में आने पर म्यूटेशन करता है. जब वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है, तो यह नए वेरिएंट के रूप में सामने आ सकता है. म्यूटेशन की गंभीरता व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है. कमजोर इम्यूनिटी में म्यूटेशन घातक हो सकता है, जबकि मजबूत इम्यूनिटी में यह हल्का रहता है.

मौसम और इम्यूनिटी का प्रभाव

मौसमी बदलाव भी कोरोना के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं. ठंड या बदलते मौसम में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे वायरस को फैलने का मौका मिलता है. शुरुआत में हल्के लक्षणों के कारण यह नजरअंदाज हो जाता है, लेकिन जब मामले बढ़ते हैं, तब इसकी गंभीरता सामने आती है.

2020 से अब तक का सफर

2020 में शुरू हुई महामारी में डेल्टा वेरिएंट सबसे घातक था, जिसने लाखों लोगों की जान ली. इसके बाद ओमिक्रॉन जैसे हल्के वेरिएंट सामने आए. इस साल सामने आए तीन नए वेरिएंट्स की गंभीरता अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन निगरानी और टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है. मास्क, सामाजिक दूरी और टीकाकरण जैसे उपाय अब भी प्रभावी हैं.