'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर केंद्र की कमिटी करेगी फैसला, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे पहले केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित कमिटी के समक्ष अपनी बात रखें.

Date Updated
फॉलो करें:

Udaipur Files: कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे पहले केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित कमिटी के समक्ष अपनी बात रखें. 

कन्हैयालाल हत्याकांड का विवाद

जून 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी गई थी. यह हत्याकांड उस समय हुआ जब बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान को लेकर विवाद चल रहा था.

कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर नूपुर के समर्थन में पोस्ट साझा किया था, जिसके बाद मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने उनकी हत्या कर दी. इस मामले में अन्य लोगों पर भी सहयोग का आरोप है.

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

10 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी और केंद्र को सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत फैसला लेने को कहा था. इसके खिलाफ निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने भी फिल्म पर रोक की मांग की है. सुनवाई में निर्माता की ओर से वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया और सैयद रिजवान अहमद जबकि जमीयत की ओर से कपिल सिब्बल और जावेद की ओर से मेनका गुरुस्वामी ने पक्ष रखा.

निर्माताओं का नुकसान 

निर्माता के वकील ने बताया कि आखिरी समय में रिलीज रुकने से भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. जवाब में जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि सामाजिक सौहार्द का नुकसान आर्थिक नुकसान से कहीं गंभीर है. कमिटी 16 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे इस मामले पर विचार करेगी.

इस्लाम विरोधी नहीं फिल्म

जमीयत के वकील कपिल सिब्बल ने फिल्म में मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. इसके जवाब में, निर्माता के वकील रिजवान अहमद ने कहा कि फिल्म में इस्लाम के खिलाफ कुछ भी नहीं है और कुछ लोगों को गलत तरीके से दिखाना पूरे धर्म के खिलाफ नहीं है. वकीलों ने निर्माता और कन्हैयालाल के बेटे को मिल रही धमकियों का हवाला देते हुए सुरक्षा की मांग की. अदालत ने पुलिस को स्थिति के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया.