'SIR पर दुष्प्रचार क्यों?', अखिलेश यादव पर केशव प्रसाद मौर्य का सीधा प्रहार, बोले- ‘समाजवादी पार्टी अस्त होता हुआ सूरज’

उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा इस प्रक्रिया पर उठाए जा रहे सवालों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दोनों पार्टियों पर तीखा हमला बोला है.

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Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा इस प्रक्रिया पर उठाए जा रहे सवालों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दोनों पार्टियों पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने साफ कहा कि एसआईआर का कार्यक्रम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चलाया जा रहा है, लेकिन विपक्ष इसमें बाधा डालने की कोशिश कर रहा है.

बीएलओ की मौत

मौर्य ने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एसआईआर को लेकर “दुष्प्रचार” फैला रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष का उद्देश्य लोकतांत्रिक सुधारों को कमजोर करना है. वहीं, कई बीएलओ की मौत के बाद अखिलेश यादव द्वारा उनके परिवारों से मिलने के फैसले पर भी उन्होंने कटाक्ष किया.

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा, “अखिलेश यादव और उनकी पार्टी का राजनीतिक भविष्य क्या है, यह बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम साफ बता चुके हैं. समाजवादी पार्टी आखिरकार अस्त होता हुआ सूरज है. उसका राजनीतिक सफाया तय है.” उन्होंने आगे कहा कि जिस रास्ते पर आज कांग्रेस, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चल रहे हैं, उसी राह पर अखिलेश यादव भी बढ़ चुके हैं. मौर्य का दावा है कि जिस तरह कांग्रेस-राजद को राजनीतिक नुकसान हुआ, समाजवादी पार्टी की स्थिति उससे भी खराब होने वाली है.

साथी दल लोकतंत्र को नुकसान

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की आंतरिक कलह पर टिप्पणी करते हुए मौर्य ने कहा कि देश “कांग्रेस मुक्त” होने की दिशा में बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इतना असंतोष है कि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी हर मुद्दे पर “हाईकमान” से बात करने की बात कहनी पड़ती है. उन्होंने सवाल उठाया, जब खड़गे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो फिर उनके ऊपर हाईकमान आखिर कौन है?

मौर्य ने विपक्षी दलों पर सीधे वार करते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी, टीएमसी और कांग्रेस के कर्म अच्छे नहीं हैं. विपक्ष कौरवों की तरह आपस में बंटा हुआ है. ऐसे में जनता को बताना जरूरी है कि कांग्रेस और उसके साथी दल लोकतंत्र को किस तरह नुकसान पहुंचा रहे हैं.”

 “त्राहिमाम-त्राहिमाम” की राजनीति 

उन्होंने कांग्रेस पर पुराने आरोपों को भी दोहराया. अपने हालिया ‘एक्स’ पोस्ट का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस कमेटियों के वोटों में “पहली डकैती” डालकर प्रधानमंत्री पद हासिल किया, वरना यह पद सरदार वल्लभभाई पटेल को मिलता. इंदिरा गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर “डाका” डाला गया. मौर्य ने दावा किया कि कांग्रेस, सपा और राजद जैसे दलों ने वर्षों तक “बुलेट से बैलेट लूटने” की राजनीति को बढ़ावा दिया.

उन्होंने कहा कि ईवीएम ने “कनपटी पर कट्टा” वाली इस राजनीति पर रोक लगाई है, और अब एसआईआर विपक्ष की “फर्जी वोटों” की रणनीति को पूरी तरह खत्म कर देगा. इसी कारण कांग्रेस और उसके “पिछलग्गू दल” लगातार “त्राहिमाम-त्राहिमाम” की राजनीति कर रहे हैं. राजनीतिक आरोपों की इस तेज होती जंग ने यूपी की सियासत को फिर गरमा दिया है.