चंडीगढ़: पंजाब में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद राज्य सरकार ने राहत और पुनर्वास प्रक्रिया को तेज़ करते हुए आज 30,000 से अधिक प्रभावित परिवारों को मुआवजा वितरण की शुरुआत कर दी.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक बड़े कार्यक्रम के दौरान कहा कि बाढ़ ने हजारों परिवारों को गहरे संकट में डाल दिया था और सरकार इस कठिन समय में लोगों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है. मुआवजा राशि, रोजगार सहायता और पुनर्निर्माण योजनाओं के माध्यम से प्रभावितों को फिर से खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि बाढ़ के दौरान लोगों ने असहनीय कठिनाइयों का सामना किया और कई घर पूरी तरह ढह गए. उन्होंने बताया कि गुरदासपुर सहित राज्य भर में लगभग 30,000 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और आज 377 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की जा रही है. सरकार का उद्देश्य है कि हर प्रभावित परिवार जल्द से जल्द अपने घर दोबारा खड़ा कर सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण किसानों को भारी फसल क्षति हुई और राज्य सरकार ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का फैसला किया, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा फसली मुआवजा है. उन्होंने कहा कि यह भुगतान पहले ही शुरू कर दिया गया है, ताकि किसान अपनी आजीविका को फिर से पटरी पर ला सकें.
मान सरकार ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत की है. उन्होंने बताया कि पहली किस्त के रूप में 70,000 रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जबकि शेष राशि दो किस्तों में दी जाएगी. इसके अतिरिक्त, पुनर्निर्माण प्रक्रिया सुचारु रखने के लिए मनरेगा के तहत 90 दिनों का रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे परिवारों को आय का सहारा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने सामाजिक और धार्मिक संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान स्वयंसेवकों ने अनगिनत लोगों की मदद की. उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने हर बार की तरह इस बार भी संकट का सामना हिम्मत और एकजुटता के साथ किया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुँचाने के लिए लगातार काम करती रहेगी.
मान ने कहा कि बाढ़ से राज्य को लगभग 13,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपये का पैकेज अभी तक जारी नहीं किया गया है. उन्होंने केंद्र से इसे तुरंत जारी करने की अपील की. उन्होंने यह भी बताया कि भारी नुकसान के बावजूद पंजाब ने राष्ट्रीय पूल में लगभग 150 लाख टन चावल देकर अपनी भूमिका निभाई है.