चंडीगढ़: आनंदपुर साहिब की ऐतिहासिक धरा जल्द ही खेल और संस्कृति के संगम का नया अध्याय लिखने जा रही है. पंजाब सरकार ने चरन गंगा स्टेडियम के संपूर्ण नवीनीकरण की घोषणा करते हुए इसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्व स्तरीय मार्शल आर्ट्स केंद्र बनाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि यह परियोजना न केवल पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देगी, बल्कि होला मोहल्ला मेले में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालुओं का अनुभव भी अधिक सुविधाजनक बनाएगी.
पारंपरिक तलवारबाज़ी और घुड़सवारी
चरन गंगा स्टेडियम सिख इतिहास में विशेष महत्व रखता है. यहीं 1701 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने निहंग सिंह जत्थेबंदियों की स्थापना कर ‘गुरु की लाडली फौज’ को संगठित किया था. इसी पावन स्थल पर खालसा सैनिकों को गतका और विभिन्न युद्ध कलाओं का प्रशिक्षण दिया गया. आज भी होला मोहल्ला के दौरान हजारों दर्शक यहां पारंपरिक तलवारबाज़ी, घुड़सवारी और टेंट-पेगिंग जैसे रोमांचक मार्शल आर्ट्स प्रदर्शन देखने पहुंचते हैं.
सरकार की योजना है कि स्टेडियम का ढांचा पूरी तरह आधुनिक बनाया जाए, जिसमें उन्नत प्रशिक्षण सुविधाएं, बेहतर दर्शक दीर्घाएं, सुरक्षा मानकों पर आधारित संरचना और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की क्षमता शामिल होगी. इससे पंजाब के युवा पारंपरिक मार्शल आर्ट्स की ओर प्रेरित होंगे और गुरु साहिब की वीरता की परंपरा को और मजबूती मिलेगी.
हॉकी स्टेडियम बनाने की भी घोषणा
राज्य सरकार पहले ही खेल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा चुकी है. मुख्यमंत्री मान और AAP राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पूरे पंजाब में 3,000 से अधिक खेल स्टेडियमों की आधारशिला रखी है, जिन पर 1,184 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है. यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेलों को मजबूत आधार प्रदान करेगी. साथ ही अमृतसर और जालंधर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट और हॉकी स्टेडियम बनाने की भी घोषणा की गई है.
सरकार की खेल नीति का एक प्रमुख उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से दूर रखना है. ‘हर पिंड खेल मैदान’ जैसी योजनाओं के जरिए युवाओं को खेल गतिविधियों में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. खिलाड़ियों को सम्मानित करने और उन्हें सरकारी सेवाओं में अवसर देने की पहल भी युवाओं को प्रेरित कर रही है.
चरन गंगा स्टेडियम का पुनर्विकास न केवल आनंदपुर साहिब की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि पंजाब को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान भी दिलाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि राज्य फिर से देश की खेल राजधानी बने और यहां के युवा वैश्विक मंचों पर चमकें.