दिल्ली-एनसीआर में दो दिनों में दूसरी बार भूकंप के झटके, लोगों में दहशत

दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह दो दिनों में दूसरा मौका है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धरती कांपी.

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Delhi-NCR earthquake: दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह दो दिनों में दूसरा मौका है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धरती कांपी.

भूकंप की तीव्रता और केंद्र

शुक्रवार सुबह 9:04 बजे दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह दो दिनों में दूसरा मौका है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धरती कांपी. भूकंप की तीव्रता के कारण लोग घबराकर अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र और इसकी तीव्रता की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी. यह खबर लगातार अपडेट की जा रही है.

उत्तर भारत में भूकंप की बारंबारता

हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूकंप के कई झटके दर्ज किए गए हैं. इन क्षेत्रों में भूकंप की तीव्रता अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक रही है. जून और जुलाई में जम्मू-कश्मीर में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे कुछ स्थानों पर दीवारों में दरारें देखी गईं.

सौभाग्यवश, किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली. वहीं, पूर्वोत्तर भारत, विशेष रूप से असम और मेघालय, में भी भूकंप के झटके महसूस हुए. जून में असम के कुछ जिलों में 5.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ, जिसके बाद लोग घरों से बाहर निकल आए.

दिल्ली में भूकंप का खतरा क्यों?

दिल्ली भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील सिस्मिक जोन IV में आती है, जिसमें उत्तराखंड के नैनीताल, रुड़की, बिहार के पटना, और पंजाब के अमृतसर जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं. दिल्ली की भौगोलिक स्थिति हिमालय के निकट होने और भारत-यूरेशिया टेक्टॉनिक प्लेटों की हलचल के कारण इसे जोखिम में डालती है. विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जो नेपाल और तिब्बत जैसे क्षेत्रों की भूकंपीय गतिविधियों से प्रभावित हो सकता है. 

सुरक्षा के लिए सतर्कता जरूरी

भूकंप के खतरे को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा उपायों और जागरूकता की आवश्यकता है. लोगों को भूकंपरोधी इमारतों और आपातकालीन योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए.