दिल्ली दंगा मामले में गुलफिशा की जमानत खारिज, अब खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े कथित बड़े षड्यंत्र मामले में कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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Supreme Court: राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े कथित बड़े षड्यंत्र मामले में कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर 2025 को गुलफिशा सहित नौ आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा था कि प्रदर्शनों की आड़ में हिंसक साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. गुलफिशा के साथ-साथ जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने भी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट में जमानत की गुहार

गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका इस मामले को और महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि शरजील इमाम ने भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में जमानत के लिए अर्जी दी है. दोनों पर दिल्ली दंगों की कथित साजिश में शामिल होने का आरोप है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े कानूनी विवादों को और उजागर करेगा.

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दंगों से संबंधित आरोप गंभीर हैं और इस स्तर पर जमानत देना उचित नहीं है. हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि नागरिक प्रदर्शनों के नाम पर हिंसक गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जा सकती.

गुलफिशा पर लगे आरोप

दिल्ली पुलिस का दावा है कि गुलफिशा ने CAA विरोधी प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभाई और दंगों की साजिश में शामिल थीं. उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस की चार्जशीट में आरोप है कि गुलफिशा और अन्य लोगों ने सुनियोजित तरीके से दिल्ली में हिंसा भड़काई. यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का आगामी फैसला इस मामले में नया मोड़ ला सकता है.