MUMBAI: मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना के लाभार्थियों की सूची में जगह बनाने में सफल रहीं महिलाओं के एक वर्ग के लिए पार्टी खत्म हो गई है, जबकि वे इसके लिए अयोग्य थीं. गुरुवार को महिला एवं बाल विकास (WCD) मंत्री, अदिति तटकरे ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही सूची की जांच शुरू करेगी, ताकि उन नामों को हटाया जा सके जिन्हें सूची में शामिल ही नहीं किया जाना चाहिए था.
उस समय के वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा था कि 2.47 करोड़ लाभार्थियों की वजह से राज्य के खजाने पर 46,000 करोड़ रूपये का बोझ पडे़गा. वित्त बिभाग ने भी इस योजना पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे राज्य के संसाधनों पर बोझ पड़ेगा और निकट भविष्य में सरकारी अधिकारियों को वेतन देना चुनौती भरा हो सकता है. पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले और उसके दौरान भी इस बात को उठाया गया था कि संपन्न परिवारों की कई महिलाएं भी इस सूची में शामिल हैं. जिसको लेकर राज्य सरकार लाभार्थियों की सूची छोटी करने की तैयारी में है.
जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पदभार संभाला, तो उन्होंने योजना की सूची की जांच करने की घोषणा की, जिसकी रिपोर्ट 6 दिसंबर, 2024 को सामने आई थी. अब तक 2.47 करोड़ महिलाओं को जुलाई से नवंबर तक पांच महीनों के लिए कुल 7500 रुपये प्रत्येक प्राप्त हुए हैं और लाभार्थियों को दिसंबर की छठी किस्त मिलनी शुरू हो गई है.
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद तटकरे ने कहा राज्य सरकार लड़की बहन के लाभार्थियों की सूची की जांच शुरू करने जा रही है. सरकार ने मानदंड के बारे में एक आदेश जारी किया है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. जांच इसलिए ज़रूरी है ताकि केवल आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाएं ही इस योजना के तहत पैसे पा सकें, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है.
सूची को छोटा करने के लिए सरकार प्रत्येक आवेदक की परिवारिक आय का पता लगाने के लिए आयकर विभाग से सहायता लेगी. चार पहिया वाहन रखने परिवारों की महिलाएं, जो विवाह के बाद राज्य छोड़ चुकी हैं, और जिनके आधार कार्ड और बैंक खातों में नाम मेल नहीं खाते हैं, उन्हें बाद की किश्तों के लिए अयोग्य माना जाएगा.