लालू परिवार की बढ़ेगी मुश्किलें? लैंड फॉर स्कैम मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला टला

राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला 4 दिसंबर तक टाल दिया. सीबीआई ने सबूत पेश किए जबकि बचाव पक्ष ने इसे राजनीतिक साजिश बताया.

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Courtesy: X (@thetatvaindia)

राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को जमीन के बदले नौकरी भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय करने का आदेश स्थगित कर दिया. कोर्ट ने अब 4 दिसंबर को फैसला सुनाने की तारीख तय की है.

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने यह कदम उठाते हुए मामले को अगली तारीख के लिए सूचीबद्ध कर दिया. इससे पहले 11 सितंबर को अदालत ने आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. 

कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर 

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेजस्वी यादव, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई. विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने सीबीआई की ओर से कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कोर्ट में मजबूत दलीलें पेश कीं. सीबीआई का कहना है कि यह मामला भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है. जांच एजेंसी ने सभी दस्तावेज और गवाह पेश किए हैं.  

बचाव पक्ष की मजबूत दलीलें  

बहस के दौरान लालू यादव के वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन का मामला राजनीति से प्रेरित है. ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि जमीन के बदले उम्मीदवारों को नौकरी दी गई. बिक्री के दस्तावेज मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि जमीन पैसे लेकर खरीदी गई थी. मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि नियुक्ति के संबंध में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है और जमीन के बदले कोई नौकरी नहीं दी गई.

उन्होंने तर्क दिया कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किसी भी उम्मीदवार के लिए कोई सिफारिश नहीं की थी. किसी भी महाप्रबंधक ने यह नहीं कहा है कि वह कभी लालू प्रसाद यादव से मिले थे. वरिष्ठ वकील ने जोर दिया कि भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि उन्होंने किसी भी उम्मीदवार के लिए कोई सिफारिश नहीं की थी. उन्हें सिर्फ सरगना कहना पर्याप्त नहीं है, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. 

राबड़ी देवी की ओर से बहस  

राबड़ी देवी की ओर से बहस में कहा गया कि राबड़ी देवी ने जमीन खरीदी और उसके लिए पैसे दिए. पैसे लेकर जमीन खरीदना कोई अपराध नहीं है. किसी भी आरोपी उम्मीदवार को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया. इन लेन देन का आपस में कोई संबंध नहीं है. वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि सीबीआई को भ्रष्टाचार साबित करना था, बेची गई जमीन एक निश्चित राशि लेकर खरीदी गई थी. उन्होंने कहा कि आवेदकों ने सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया था. भ्रष्ट आचरण कहां है. ये कृत्य स्वतंत्र हैं. आरोपियों के किसी भी कृत्य का आपस में कोई संबंध नहीं है. बचाव पक्ष ने सभी आरोपों को खारिज करने की मांग की.