गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ता ने तीन आईएसआईएस आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक डॉक्टर था जो बहुत जहरीला रसायन राइसिन बना रहा था. उसने तीन शहरों के व्यस्त खाद्य बाजारों की जासूसी की थी. यह खुलासा अधिकारियों ने सोमवार को किया. गिरफ्तारी से बड़ा आतंकवादी हमला रुक गया.
पुलिस के अनुसार डॉक्टर ने पिछले छह महीनों में दिल्ली की आजादपुर मंडी अहमदाबाद की नरोदा फल मंडी और लखनऊ के आरएसएस कार्यालय की टोह ली थी. इन जगहों को भीड़भाड़ और लोगों की सक्रियता के कारण चुना गया था. ये संभावित लक्ष्य थे.
हैदराबाद का 35 साल का अहमद मोहियुद्दीन सैयद नाम का डॉक्टर राइसिन को हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था. यह रसायन अरंडी के बीजों से निकलता है. राइसिन की विषाक्तता कम होती है और आमतौर पर बीज खाने से ही प्रभाव पड़ता है. लेकिन बड़ी मात्रा में यह जानलेवा है. विशेषज्ञ कहते हैं कि आपराधिक उपयोग दुर्लभ है और समय पर इलाज से बचाव हो जाता है.
गुजरात एटीएस ने बयान दिया कि एक बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए, अहमद मोहियुद्दीन सैयद 'राइज़िन' (रिकिन) नामक एक बेहद घातक जहर तैयार कर रहा था. इसके लिए उसने पूरा रिसर्च कर लिया था और कच्चा माल हासिल कर लिया था और इसकी तैयारी के लिए जरूरी प्रारंभिक रासायनिक प्रसंस्करण शुरू कर दिया था. एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां जब्त सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच कर रही हैं. रसायनों का स्रोत पता करना है. यह देखना है कि राइसिन की कोई शुरुआती तैयारी हुई या नहीं.
उत्तर प्रदेश के दो लोग और हैदराबाद का एक व्यक्ति पकड़ा गया. केंद्रीय एजेंसियों के साथ संयुक्त अभियान हुआ. शुरुआती पूछताछ से पता चला कि वे आईएसआईएस के बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे. कई स्लीपर सेल राज्यों में सक्रिय हैं. गुप्त सूचना पर 7 नवंबर को गांधीनगर के अडालज के पास सैयद को पकड़ा गया. उसके पास दो ग्लॉक पिस्तौल एक बेरेटा पिस्तौल 30 जिंदा कारतूस और चार लीटर अरंडी का तेल मिला.उत्तर प्रदेश से आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम को पकड़ा गया है. सैयद ने चीन से एमबीबीएस की डिग्री ली है. वह आईएसआईएस की खुरासान शाखा के सदस्य अबू खादिम के संपर्क में था.