Tejashwi Yadav: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव एक बड़े विवाद में फंस गए हैं. चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ दोहरे मतदाता पहचान पत्र (EPIC) के मामले में नोटिस जारी किया है. आयोग ने तेजस्वी से दोनों मतदाता पहचान पत्रों की मूल प्रतियां जमा करने को कहा है. इस मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले.
तेजस्वी का दावा और EPIC नंबर
तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है. इस दौरान उन्होंने EPIC नंबर RAB2916120 साझा किया, लेकिन जब इसकी जांच की गई तो यह नंबर आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं मिला.
इसके विपरीत, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में EPIC नंबर RAB0456228 के साथ मौजूद है, जो पाटलिपुत्र क्षेत्र के मतदान केंद्र 204 (क्रमांक 416) से संबंधित है.
कानूनी उल्लंघन का आरोप
भारत में एक व्यक्ति का दो मतदाता पहचान पत्र रखना गैरकानूनी है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत यह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दोषी को एक साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. तेजस्वी द्वारा साझा किया गया दूसरा EPIC नंबर (RAB2916120) आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं मिला, जिसके चलते चुनाव आयोग ने इसे संभावित रूप से फर्जी माना है. आयोग ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और तेजस्वी से इस नंबर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है.
राजनीतिक साजिश का आरोप
तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है. उनका दावा है कि उनका EPIC नंबर जानबूझकर बदला गया है. हालांकि, बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने इस मामले को गंभीर अपराध बताते हुए तेजस्वी पर तीखा हमला बोला है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताया. वहीं, बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने सवाल उठाया कि तेजस्वी के पास दो-दो EPIC नंबर कैसे हो सकते हैं.
बिहार की सियासत में हलचल
तेजस्वी के खिलाफ इस मामले ने विपक्षी दलों को उन पर हमला करने का मौका दिया है. यदि जांच में दोहरे EPIC नंबर का मामला सही पाया गया, तो यह तेजस्वी के लिए गंभीर कानूनी और राजनीतिक संकट खड़ा कर सकता है.