Supreme Court: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी दे दी. इन जजों का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार सुबह भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर गवई द्वारा आयोजित किया जाएगा.
कॉलेजियम की सिफारिशें और नियुक्तियां
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें मुख्य न्यायाधीश गवई के साथ जस्टिस सूर्य कांत, विक्रम नाथ, जेके माहेश्वरी और बीवी नागरथना शामिल हैं, ने 26 मई 2025 को तीन जजों की नियुक्ति की सिफारिश की थी. इनमें जस्टिस एनवी अंजारिया (कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मूल हाई कोर्ट गुजरात), जस्टिस विजय बिश्नोई (गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मूल हाई कोर्ट राजस्थान), और जस्टिस एएस चंदुरकर (बॉम्बे हाई कोर्ट के जज) शामिल हैं. इन नियुक्तियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट अपनी स्वीकृत संख्या 34 जजों तक पहुंच जाएगा.
क्षेत्रीय विविधता
कॉलेजियम की सिफारिशों में क्षेत्रीय विविधता और वरिष्ठता को प्राथमिकता दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम मुख्य न्यायाधीश गवई के कार्यकाल की सकारात्मक शुरुआत है. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. अब कॉलेजियम के फैसले, जजों के प्रोफाइल और उनकी संपत्ति की घोषणा वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाती है.
हाई कोर्ट में भी बड़े बदलाव
26 मई को कॉलेजियम ने पांच नए हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और चार अन्य हाई कोर्ट्स में मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की. साथ ही, 22 जजों का तबादला भी किया गया है, जो प्रशासनिक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत अनुरोधों पर आधारित है.
हाल ही में एक हाई कोर्ट जज, जस्टिस यशवंत वर्मा के निवास पर अघोषित नकदी मिलने की घटना ने न्यायपालिका पर ध्यान केंद्रित किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को पुष्टि की थी कि इस मामले में तीन जजों की जांच समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया है.