रियल एस्टेट में बूम की उम्मीद! RBI की रेपो रेट कटौती से बढ़ेगी मकानों की मांग

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आगामी बैठक, जो 4 से 6 अगस्त 2025 के बीच होगी, में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है.

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Real estate boom: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की आगामी बैठक, जो 4 से 6 अगस्त 2025 के बीच होगी, में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति दे सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ते होम लोन और बेहतर आर्थिक माहौल से घर खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ेगा.

सस्ते कर्ज से रियल एस्टेट को रफ्तार

क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के संस्थापक डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि RBI की नीतियां रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संजीवनी साबित हो रही हैं. हाल के महीनों में रेपो रेट में तीन बार की कटौती के बाद, एक और कटौती से मकानों की बिक्री और बुकिंग में तेजी आएगी.

सस्ते कर्ज से नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे खरीदारों का भरोसा मजबूत होगा. रियल एस्टेट, जो वर्तमान में निवेशकों के लिए स्थिर विकल्प बनकर उभरा है, इस कदम से और आकर्षक हो सकता है.

मिड-सेगमेंट खरीदारों की बढ़ेगी भागीदारी

एम2के ग्रुप के मार्केटिंग, सेल्स और सीआरएम हेड डॉ. विशेष रावत के अनुसार, पिछली रेपो रेट कटौती से होम लोन की ब्याज दरें घटीं, जिससे मिड-सेगमेंट खरीदारों की मांग में उछाल आया. अगर अगस्त में 25 बेसिस पॉइंट की और कटौती होती है, तो यह सेक्टर को नई ऊर्जा देगी. इससे डेवलपर्स को भी सस्ती फंडिंग मिलेगी, जिससे निर्माण कार्यों में तेजी आएगी.

फेस्टिव सीजन में बाजार को मिलेगा बढ़ावा

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर सलिल कुमार का कहना है कि इस साल रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती पहले ही हो चुकी है. इससे होम लोन सस्ते हुए हैं, जिससे घर खरीदना आसान हुआ है. एक और कटौती से फेस्टिव सीजन में रियल एस्टेट बाजार में उछाल आएगा. सस्ते लोन से EMI कम होगी, जिससे निवेशक और खरीदार अधिक सक्रिय होंगे.

अनुकूल माहौल से बढ़ेगा निवेश

एसएस ग्रुप के एमडी और सीईओ अशोक सिंह जौनापुरिया के मुताबिक, वित्त मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में खुदरा महंगाई (CPI) 4% से नीचे बनी हुई है. यह रेपो रेट कटौती की संभावना को मजबूत करता है. इससे घर खरीदने का माहौल और अनुकूल होगा, जिससे मांग में और इजाफा होगा.