Punjab Big Action Against Corruption: पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 52 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. इस एक्शन में कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं. पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की घोषणा की और कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है.
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
गौरव यादव ने स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस कड़ी में, अब पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी.
ई-एफआईआर प्रणाली की शुरुआत
डीजीपी ने यह भी बताया कि पंजाब पुलिस अब दिल्ली पुलिस की तर्ज पर ई-एफआईआर प्रणाली को लागू करने जा रही है. इसके तहत मोटर वाहन संबंधित शिकायतों का समाधान ऑनलाइन होगा और शिकायतें राज्य स्तरीय ई-पुलिस स्टेशन के जरिए संबंधित थानों तक पहुंचाई जाएंगी. अगर 21 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान नहीं हुआ, तो अप्रतिबंधित रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. इसके लिए उच्च न्यायालय से मंजूरी मांगी जा रही है.
ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार
पंजाब पुलिस ने नागरिक-अनुकूल प्रणाली को भी बढ़ावा दिया है. पहले जहां 43 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही थीं, अब इसका दायरा बढ़ाकर 60 सेवाओं तक किया जाएगा. इन सेवाओं का लाभ लोग अपने घर से या कॉमन सर्विस सेंटर से ले सकेंगे.
मुक्तसर के डीसी का निलंबन
पिछले सोमवार को पंजाब सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की थी. मुक्तसर साहिब के डीसी राजेश त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इस फैसले से स्पष्ट होता है कि पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर रही है.
पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए इन सख्त कदमों से यह स्पष्ट है कि राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को लागू कर पंजाब सरकार भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है.