दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर, हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर के करीब

दिल्लीवासियों की नींद शनिवार सुबह घने स्मॉग के साथ खुली. राजधानी की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. सुबह करीब 9 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 397 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और ‘गंभीर’ स्तर की दहलीज को छूता नजर आया.

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दिल्लीवासियों की नींद शनिवार सुबह घने स्मॉग के साथ खुली. राजधानी की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. सुबह करीब 9 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 397 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और ‘गंभीर’ स्तर की दहलीज को छूता नजर आया. ठंडी हवाओं की कमी और स्थिर मौसम ने प्रदूषण को और जमा होने का मौका दे दिया.

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शुक्रवार शाम 4 बजे तक 24 घंटे का औसत AQI 349 रहा. यह भी ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब औसत AQI लंबे समय तक इस स्तर पर बना रहता है, तो इसका असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगियों पर ज्यादा पड़ता है.

कई इलाकों में ‘गंभीर’ सीमा पार

हालांकि पूरे शहर का औसत AQI ‘बहुत खराब’ रहा, लेकिन शनिवार सुबह 8 बजे तक दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में स्थिति और बिगड़ गई. CPCB के आंकड़ों के अनुसार, वज़ीरपुर में AQI 445, जहांगीरपुरी और विवेक विहार में 442-442, जबकि रोहिणी में 436 रिकॉर्ड किया गया. ये आंकड़े सीधे तौर पर ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाते हैं.

न्यूज़ एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर और गिरने की आशंका है. अनुमान है कि दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ दायरे में बनी रह सकती है. मौसम की मौजूदा परिस्थितियां प्रदूषकों के फैलाव में मदद नहीं कर रही हैं.

एनसीआर में भी हालात खराब

दिल्ली से सटे एनसीआर इलाकों में भी हवा राहत देने के मूड में नहीं है. गुरुग्राम में AQI 317, मेरठ में 368 और फरीदाबाद के सेक्टर-11 में 351 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. वहीं नोएडा में AQI 448 तक पहुंच गया, जो सीधे ‘गंभीर’ स्तर को दर्शाता है. दिल्ली के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए बनाए गए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुसार, शुक्रवार को वायु प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान ट्रांसपोर्ट सेक्टर का रहा, जो 16.5 प्रतिशत था. इसके बाद निर्माण गतिविधियों का योगदान 2.2 प्रतिशत और कचरा जलाने का 1.4 प्रतिशत आंका गया. यह आंकड़े बताते हैं कि शहरी गतिविधियां प्रदूषण को लगातार बढ़ा रही हैं.

रणनीति पर काम, एक्सपर्ट पैनल का गठन

इस बीच, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने बड़ा कदम उठाने की बात कही है. आयोग के अनुसार, प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस और दीर्घकालिक रणनीति बनाने हेतु शिक्षाविदों का एक विशेषज्ञ पैनल गठित किया जाएगा. उम्मीद है कि इससे नीतिगत फैसलों को वैज्ञानिक आधार मिलेगा और आने वाले समय में हवा की सेहत सुधर सकेगी.