'क्या आप भूल गए पहलगाम?', शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने भारत-पाक क्रिकेट मैच का किया कड़ा विरोध

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपने पति शुभम द्विवेदी को खोने वाली ऐशन्या ने बीसीसीआई के प्रस्तावित भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का तीखा विरोध किया है. इस दुखद घटना में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिसमें कानपुर के शुभम द्विवेदी पहली गोली का शिकार बने.

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Pahalgam attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपने पति शुभम द्विवेदी को खोने वाली ऐशन्या ने बीसीसीआई के प्रस्तावित भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का तीखा विरोध किया है. इस दुखद घटना में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिसमें कानपुर के शुभम द्विवेदी पहली गोली का शिकार बने.

ऐशन्या ने सवाल उठाया कि क्या महज तीन महीनों में देश और बीसीसीआई इस त्रासदी को भूल गया? उन्होंने इस मैच को अनुचित ठहराते हुए कहा कि एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, तो दूसरी तरफ मनोरंजन के लिए क्रिकेट मैच कैसे संभव है?

"हमारा दुख बेकार?"

ऐशन्या ने भावुक होकर कहा, "क्या एक भारतीय के तौर पर हमारा दर्द कोई मायने नहीं रखता? जिस देश ने हमारे 26 लोगों की जान ली, उसके साथ हम क्रिकेट कैसे खेल सकते हैं?" उन्होंने बीसीसीआई से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.

शुभम के परिवार का कहना है कि क्रिकेट एक मनोरंजन का साधन है, लेकिन पहलगाम जैसे हादसे के बाद मनोरंजन की कोई जगह नहीं. शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने कहा, "यह मैच कराना पूरी तरह गलत है. हम इस फैसले का पुरजोर विरोध करते हैं."

परिवार की पीड़ा और BCCI पर सवाल

शुभम के पिता भी बीसीसीआई के इस निर्णय से आहत हैं. परिवार का कहना है कि इतनी बड़ी त्रासदी को भूलकर मात्र तीन महीनों में दुश्मन देश के साथ क्रिकेट मैच आयोजित करना समझ से परे है. ऐशन्या ने पूछा, "क्या हमारे शहीदों का बलिदान इतना सस्ता है?" परिवार ने देशवासियों से भी इस विरोध में साथ देने की गुहार लगाई है.

पहलगाम हमले की ताजा यादों के बीच भारत-पाक क्रिकेट मैच का आयोजन संवेदनशीलता पर सवाल उठाता है. शुभम के परिवार की आवाज न केवल उनके दुख को बयां करती है, बल्कि देश के सामने एक बड़ा सवाल भी खड़ा करती है.