Operation Mahadev: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का अस्तित्व आज है, तो इसके लिए नेहरू की गलतियां जिम्मेदार हैं.
शाह ने 1948 की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल के विरोध के बावजूद, नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में ले जाकर इसे अंतरराष्ट्रीय विवाद बना दिया. इस निर्णय ने PoK के मुद्दे को जटिल बना दिया, जिसके परिणाम आज भी भारत भुगत रहा है.
खोया हुआ अवसर
शाह ने 1971 के भारत-पाक युद्ध का उल्लेख करते हुए इंदिरा गांधी की प्रशंसा की, जिनके नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया. हालांकि, उन्होंने शिमला समझौते (1972) को एक चूक बताया. इस समझौते के तहत भारत ने 15,000 वर्ग किलोमीटर जमीन और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को मानवीय आधार पर वापस लौटा दिया.
शाह ने कहा कि यदि उस समय PoK को वापस लेने की मांग की गई होती, तो आज कश्मीर की स्थिति कहीं अधिक मजबूत होती.
मोदी सरकार की सख्त नीति
अमित शाह ने मौजूदा सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति का बचाव करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुश्मनों को करारा जवाब देता है. उन्होंने पुलवामा और उरी हमलों के बाद की गई सर्जिकल और एयरस्ट्राइक का जिक्र किया.
जिसमें भारतीय सेना ने 100 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकियों को निशाना बनाया. शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार मनमोहन सिंह की सरकार नहीं, बल्कि निर्णायक कदम उठाने वाली सरकार है.