India News (इंडिया न्यूज),Income Tax Bill 2025: भारत सरकार ने आयकर विधेयक 2025 के तहत डिजिटल संपत्तियों पर नज़र रखने और उनकी जांच के लिए नए कानूनी प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है. मंगलवार, 25 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मौजूदा अधिनियम में डिजिटल लेनदेन की जांच के लिए पर्याप्त कानूनी समर्थन नहीं है.
सरकार को इसके लिए विशिष्ट उपाय पेश करने पड़े. लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर कानून में डिजिटल संपत्तियों की जांच के लिए कानूनी समर्थन नहीं था, इसलिए इसे शामिल किया गया है. आयकर अधिनियम में डिजिटल तत्वों की जांच को जोड़ा गया, कानून को कानूनी समर्थन देना चाहिए.
कर चोरी पर लगेगा नकेल
निर्मला सीतारमण ने बताया कि मोबाइल फोन पर एन्क्रिप्टेड संदेशों से ₹250 करोड़ की अघोषित राशि का खुलासा हुआ. उन्होंने कहा, “व्हाट्सएप मैसेज से क्रिप्टो संपत्तियों के सबूत मिले हैं. व्हाट्सएप संचार ने ₹200 करोड़ के अघोषित धन को उजागर करने में मदद की.” इसके अलावा, गूगल मैप्स के इतिहास से नकदी छिपाने के लिए बार-बार देखे गए स्थानों की पहचान की गई, जबकि इंस्टाग्राम खातों से बेनामी संपत्तियों के मालिकाना हक का पता चला.
नई तकनीक का उपयोग
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह कदम कर प्रवर्तन को नई तकनीक के साथ अपडेट रखता है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी संपत्तियों पर नजर रखी जा सके. आयकर विधेयक, 2025 में अधिकारियों को ईमेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे संचार मंचों और वित्तीय लेनदेन छिपाने के लिए उपयोग होने वाले बिजनेस सॉफ्टवेयर तक पहुंच का अधिकार दिया गया है.
कोर्ट में सबूत
सीतारमण ने कहा कि डिजिटल खातों से साक्ष्य जुटाना कर चोरी को अदालत में साबित करने और सटीक कर राशि की गणना के लिए जरूरी है. 13 फरवरी को लोकसभा में पेश यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने के लिए लाया गया है. इसमें भाषा को सरल करने और पुराने प्रावधानों को हटाने पर जोर है.
क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों पर नजर
विधेयक में आभासी डिजिटल संपत्तियों को अघोषित आय की परिभाषा में शामिल किया गया है, जिसमें डिजिटल टोकन, क्रिप्टोकरेंसी और मूल्य के अन्य क्रिप्टोग्राफिक रूप शामिल हैं. कर जांच के दौरान अधिकारियों को सोशल मीडिया खातों, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और संपत्ति विवरण संग्रहीत करने वाली वेबसाइटों तक पहुंचने की शक्ति भी दी गई है.